निर्माण के बाद से कई बार हो चुका रिपेयर
पडकीभाट-पाररास बाईपास सड़क पर उस समय भी उंगली उठी थी जब निर्माण होने के कुछ माह में ही यह सड़क उखड़ने लगी थी। पैचवर्क कर इसे दुरूस्त किया गया था। अब जब मालवाहक चलने लगे हैं तो दबाव बढ़ते ही सड़क फिर उखड़ने लगी है। लोगों को उम्मीद थी की 12 करोड़ की सड़क मजबूत बनेगी, पर यह तो कई बार जर्जर हो चुकी है और कई बार पेंचवर्क का कार्य किया जा रहा है। जिसके बाद भी सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे होने से बारिश का पानी भर जाता है, लेकिन बारिश थमते ही धूल की गुब्बार उठने लगती है।
पेंचवर्क के नाम पर खानापूर्ति कर रही हैं पीडब्ल्यूडी
शहर में भारी वाहनों के दबाव को देखते हुए यातायात पुलिस ने चार वर्ष पहले इस सड़क को मालवाहकों के लिए खोल दिया है। उसके बाद भारी वाहनों की आवाजाही इस मार्ग पर होने लगी। इससे दवाब नहीं झेल पाई और सड़क उखड़ने लगी। वर्तमान स्थिति ऐसी है कि सड़क पूरी तरह जर्जर होकर धूल की गुब्बार उठने लगी है। लोक निर्माण केवल खानापूर्ति के लिए उक्त सड़क को पेचवर्क करती है लेकिन कुछ दिनों के बाद सड़क पुरानी स्थिति में आ जाती है। अब तो पूरी सड़क को मरम्मत कराने की नौबत आ गई है। इससे सड़क की गुणवत्ता और निर्माण एजेंसी व संबंधित विभाग के अधिकारियों की मानिटरिंग पर सवाल उठने लगा है।
वाहनों की आवाजाही से गिट्टी पीस-पीस कर बन रही धूल
पड़कीभाट पाररास बाइपास पर वाहनों के आने जाने से गिट्टी पिस-पिस कर बारीक हो गई। अब जैसे ही कोई वाहन मार्ग से गुजरता है तो पिसी हुई गिट्टी धूल का गुब्बार बन जाता है तथा पूरा वातावरण धूलमय हो जाता है। ट्रकों सहित अन्य लोगों को भी वाहन के शीशे बंद कर आवाजाही करनी पड़ रही है। इन सड़क सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लोगों ने कहा कि लोक निर्माण विभाग व ठेकेदार की लापरवाही के चलते बाइपास सड़क पर राहगीर इन दिनों मार्ग पर उड़ने वाली धूल के गुबार से परेशान हैं। जिससे बीमारी होने का अंदेशा बना रहता है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। साथ ही इस मार्ग पर चलने वाले लोगों के चेहरे व कपड़े भी गंदे हो जाते हैं।