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*पौव्वा के साथ गिरफ्तार,सटोरिया गिरफ्तार ,हेलमेट न पहनें पर कार्यवाही पर प्रेस रिलीज, लेकिन एक पार्षद सहित 10 लोगो पर गुंडागर्दी, फिरौती,अपहरण मामले में कार्यवाही के बाद भी अब तक पुलिस क्यो नही कर रही मामले को उजागर*

 

बालोद-छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार अपराधियों पर नकेल कसने व आम लोगो से सामंजस्य बनकर चलने पुलिस प्रशासन को लगातार बैठकों के माध्यम से आदेश कर रही है वही सरकार के मंशा के अनुरुप कार्य करने के लिए बालोद एसपी भी सभी थाना प्रभारियों को लगातार निर्देश भी दे रही है वही कुछ थानों में कम्युनिटी पुकिसिंग के तहत अच्छे काम भी हो रहे है लेकिन बालोद जिले के दल्लीराजहरा थाना क्षेत्र पिछले कुछ समय से अपराध का गढ़ बन चुका है जिसके पीछे भले ही राजनीतिक हस्तक्षेप कहा जा सकता है क्योंकि ज्यादातर आपराधिक मामलों में जिनका नाम आता है वह कही न कही किसी न किसी राजनीतिक दल के बड़े नेता से जुड़े रहते है लेकिन बढ़ते अपराधों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी पुलिस की भी होती है लेकिन दल्लीराजहरा में ऐसा कुछ नजर नही आता जिसका बड़ा उदाहरण हाल ही में व्यापारी संघ दल्लीराजहरा बंद आह्वान व जनमुक्ति मोर्चा की रैली है । इस बीच पिछले दो दिनों से एक बड़े मामले को लेकर दल्लीराजहरा में चर्चा का विषय बना हुआ है कि पार्षद राजा पठान,चाणक्य,वली,इसु, सहित करीब 10 लोगो को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है लेकिन इस घटना की जानकारी न तो पुलिस के जनसंपर्क ग्रुप में डाला गया न ही किसी प्रकार की पत्रकारवार्ता कर जानकारी देने का प्रयास किया गया ऐसा नही है कि मामले की जानकारी लेने पत्रकारों द्वारा प्रयास नही किया गया है बल्कि पत्रकारों द्वारा जानकारी लिए जाने पर मामले में विवेचना जारी होने की बातें कहकर मामला किसी को नही बताया गया जबकि पूरे मामले में पुलिस द्वारा मंगलवार शाम को ही 3 अलग अलग अपराधों के मामले में 10 लोगो को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने की जानकारी अब चर्चा का विषय बना हुआ है

किन मामलों में हुई गिरफ्तारी

आपको बतादे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2 दिन पहले गोंदिया महाराष्ट्र के एक व्यक्ति द्वारा दल्लीराजहरा पुलिस थाने पहुंचकर एक शिकायत की थी कि दल्लीराजहरा के राजा व उनके साथियों द्वारा पिछले कुछ समय से उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था जिनके चंगुल से खुद को बचाकर थाने पहुंचने की जानकारी दी थी जिसपर पुलिस ने राजा पठान(प्रचलित नाम) व उनके साथियों को गिरफ्तार किया गया था।

आपको बतादे राजा पठान के नाम पर  पहले भी अलग मामले इसी थाने में एफआईआर दर्ज है  और इसी के नाम पर दल्लीराजहरा व्यापारी संघ द्वारा कार्यवाही नही किये जाने के विरोध में दल्लीराजहरा थाना प्रभारी पर आरोप लगाते हुए शहर बंद का आह्वान किया था  लेकिन पुलीस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद आंदोलन स्थगित हुआ था।

दो पव्वा शराबियों की कार्यवाही की प्रेस रिलीज लेकिन इस मामले पर पुलिस शांत

बालोद जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों के अलावा यातायात विभाग द्वारा किये जा रहे शराब,जब्ती,जुआ,सट्टा पट्टी पर कार्यवाही जैसे हर छोटे से छोटे मामलों की विज्ञप्ति जारी होती है वही कोई चोरी का बड़ा मामला आता है तो बाकायदा पत्रकारवार्ता भी किया जाता है यही नही  लेकिन बालोद जिले में किसी निर्वाचित जनप्रीतिनिधि पर आपराधिक साजिश रचने,फ़िरौती के लिए किडनैपिंग,तथा किडनैप कर किसी व्यक्ति को गुप्त जगहों पर रखकर मारपीट गाली गलौच व जान से मारने का प्रयास व धमकी देने जैसे मामलों पर अपराध पंजीबद्ध हुआ हो और ऐसे गंभीर मामलों में पुलिस कार्यवाही के बाद किसी तरह की जानकारी नही देना कही न कही पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल खड़े होते है

किन धाराओं पर कार्यवाही हुई और क्या है धाराएं

आपको बतादे दल्लीराजहरा पुलिस ने पिछले 3 दिनों में कई अलग अलग मामलों में अपराध पंजीबद्ध किया गया है जिसमे अपराध क्रमांक 413/22 से  416/22 तक सभी कार्यवाही को केश सेंसेटिव रखा गया जिससे पुलिस की कार्यवाही की जानकारी लोगो तक पहुंच नही पाई जबकि इसमे  120,363,364A,365,386 के अलावा 294,506,323 34 जैसे मामूली धाराओं के तहत कार्यवाही को भी केश सेंसेटिव में रखा गया

एक नजर धाराओं पर

भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (2): यह धारा शेष अपराधों की आपराधिक साजिश से संबंधित है। आम तौर पर, इसमें मामूली आपराधिक अपराध शामिल हैं। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि यह उन अपराधों की साजिश को कवर करता है जो 2 साल से कम कारावास की सजा का प्रावधान है।

आईपीसी की धारा 364ए के तहत यदि फिरौती आदि के लिए अपहरण किया गया है तो अपराध की सजा क्या है। छह महीने की सजा और जुर्माना। पांच महीने की सजा और जुर्माना। एक वर्ष की सजा और जुर्माना

भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक सजा व अर्थ दंड का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 386 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति से, स्वयं उसकी या किसी अन्य व्यक्ति की मॄत्यु या गंभीर आघात के भय में डालकर ज़बरदस्ती वसूली करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

आपको बतादे बालोद जिले के दल्लीराजहरा पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर न सिर्फ राजनीतिक बल्कि व्यापारी व आम लोगो में भारी आक्रोश देखी जा रही रही है वही मिली जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में दल्लीराजहरा के जनप्रीतिनिधि व व्यापारी फिर से बालोद एसपी से मुलाकात कर शिकायत सकती है

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