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बालोद- हमारे देश मे विज्ञान ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि बड़े से बड़े बीमारियों का टीका से लेकर इनकी दवाएं आसानी से बना ली जाती है पूरा विश्व जब कोरोना संकट से जूझ रहा था तो भारत आधी दुनिया को कोरोना का टीका भी उपलब्ध कराया लेकिन इस बीच लोग इलाज के साथ साथ हवन यज्ञ व पूजा पाठ से भी बीमारी से निजात पाने कई तरह के पहल करते नजर आते है ।कुछ ऐसा नजारा फिर से एकबार बालोद जिले में देखने को मिला है , बालोद जिले में लगातार फैल रहे लंपी स्कीन वायरस और पशुओं की हो रही मौत से जहां एक ओर पशुपालक व ग्रामीण किसान सकते में है.तो वही दूसरी ओर गुंडरदेही ब्लॉक के भुसरेंगा गांव से ग्रामीणों की अनोखी पहल सामने आई हैं.आज ग्रामीणों ने खेती किसानी के काम को बंद कर लंपी वायरस के प्रकोप को दूर करने गांव के इष्ट देवताओं के नाम से पारंपरिक रीति रिवाजों से पूजा पाठ कर हवन किया पूरे गाँव को बंद कर गांव के ही गौठान में सभी पुरूष एकत्रित होकर पशुओं में फैल रहे वायरस के प्रकोप को दूर करने गांव के ईष्ट देवी देवता को प्रसन्न करने पूजा हवन किया.और नीम के पत्ते से हल्दी पानी का छिड़काव सभी गायों और बछड़ो में किया.ग्रामीणों की माने तो गांव के गाय और बछड़ो में लंपी स्किन वायरस लगातार फैल रहा है.दर्जनो से ज्यादा पशुओं की मौत भी हो गई है.अब ग्रामीण इसे गांव के इष्ट देवती देवता का प्रकोप मानने लगे है.जिसे दूर करने ग्रामीणों ने पारंपिक तरीके पूजा पाठ का हवन किया.आपको बता दे कि जिले में अब तक 1 हजार 586 गायों और बछड़ो में लंपी स्किन वायरस का लक्षण पाया गया है और 50 से अधिक पशुओं की मौत भी हो चुकी है।