बालोद-जिले के दंतेश्वरी मैया शक्कर कारखाना कर्मचारी यूनियन बालोद द्वारा विधायक संगीता सिन्हा को ज्ञापन सौंपकर कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण करने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि शक्कर कारखाना वर्ष 2009 से लगातार शक्कर उत्पादन करता आ रहा है, जिसका लाभ क्षेत्र के किसान को मिलता रहा है, जिससे किसानो की आर्थिक में स्थिति सुधार हो रहा है। शक्कर कारखाना के कर्मचारी प्रति वर्ष अपनी लगन व परिश्रम से कारखाना का सफल संचालन करते आ रहे हैं। किन्तु कर्मचारियों की स्थिति आज की इस महंगाई के दौर में बिगड़ती जा रही है। कर्मचारियों द्वारा मांग की गई है कि दंतेश्वरी मैया सहकारिता शक्कर कारखाना के कर्मचारी वर्ष 2009 से लगातार कारखाना मे कार्यरत है, 13 वर्ष की अवधि उपरांत भी कर्मचारियों का नियमितिकरण व ग्रेडेशन नहीं हुआ है, इस कारखाना मे लगभग 120 कर्मचारी ही कार्यरत है। पूर्व मे संचालक मंडल द्वारा 8 फरवरी 2019 के बैठक में नियमितिकरण के लिए प्रस्ताव पारित कर 18 फरवरी 2019 को पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर में अनुमोदन हेतु भेजा गया है। इसके पूर्व 2013 में भी संचालक मंडल से प्रस्ताव पारित कर भेजा गया था, जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं किया गया है, कर्मचारियों का नियमितिकरण कर ग्रेडेशन तत्काल लागू किया जाए। कारखाना द्वारा अब तक कर्मचारियों की असमय मृत्यु हो जाने व सेवानिवृत्त हो जाने पर कुछ भी सहायता राशि प्रदान नहीं की जाती है। जिससे मृत्यु को प्राप्त कर्मचारी के परिजनों पर दोहरा आघत पहुंचता है और उन्हें आर्थिक रूप से भी समस्याओं से जूझना पड़ता है। आदर्श सेवानिवृत्त व स्टाफिंग पैटर्न में दशित नियमित पद जो रिक्त है उस पद पर सीजनल स्टाफिंग पैटर्न मे दर्शित नियमित पद जो रिक्त है।
भत्ता भी दिया जाए
कर्मचारियों ने कहा मासिक फिक्स वेतन के अलावा अन्य किसी प्रकार से मत्ता नहीं दिया जाता है, जबकि आज की इस महंगाई मे 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। कारखाना में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का प्रतिवर्ष सल में 2 बार वेतन वृद्धि किया जाता है जबकि कारखाना में कार्यरत कर्मचारियों को कोई वेतन वृद्धि नहीं की जाती। आज के इस महंगाई को ध्यान रखते हुए मासिक फिक्स वेतन में एकमुस्त 5000 रुपए की वृद्धि अक्टूबर माह तक करने का आवेदन दिया गया था लेकिन आज एक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। श्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना में पेड़ ऑफ कर्मचारियों का रिश 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए।