दुर्ग (वैभव चंद्राकर)- महादेव बुक एप में संलिप्तता और पुलिस की गोपनियता भंग करने के मामले में एक आरक्षक को दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने सस्पेंड कर दिया गया है। इस निलंबित आरक्षक का नाम 1046 सहदेव सिंह है जो कि कुम्हरी थाना में पदस्थ था और इस पूरे मामले की जांच का भी आदेश दे दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महादेव सट्टा गैंग से जुड़ा यह आरक्षक काफी दिनों से ड्यूटी से भी नदारद हैं। जिस पर जांच पूरी होने के बाद बड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही हैं। विदित हो कि छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप्प के जरिये बड़े पैमाने पर सट्टा का कारोबार चलाया जा रहा हैं। कुछ महीनों में दुर्ग के साथ साथ रायपुर, बिलासपुर, कोरबा जिला में भी महादेव सट्टा गिरोह के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई कर अकाउंट सीज किये हैं।
इसी कार्रवाई के दौरान ही अब दुर्ग में एक पुलिस कांस्टेबल सहदेव सिंह का नाम सट्टा गैंग से जुडने की बात सामने आ रही हैं जो कि महादेव सट्टा एप्प के जरिये सट्टा खिलाने का काम करता था जिसे कथित तौर पर शामिल होने की पुष्टि होने बाद सस्पेंड किया गया है। आरक्षक सहदेव पर आरोप लगा है कि वह साल 2020 से लगातार बिना किसी सूचना के गायब रहा और लगातार महादेव ऐप के संचालकों के संपर्क में रहा और वह खुद भी इसमें शामिल था। इस मामले की जांच दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर और छावनी सीएसपी प्रभात कुमार को सौंपी गई थीं ।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने दुर्ग में मार्च 2022 में महादेव आईडी के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ था। इसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के शामिल होने की बात सामने आई थी जिस पर पर तत्कालीन एसपी बीएन मीणा ने दर्जन भर से अधिक आरक्षकों को लाइन अटैच भी किया गया था जिसमें आरक्षक सहदेव, भीम और अर्जुन का नाम भी शामिल था, जो कि तीनों भाई हैं। इनकी कॉल डिटेल और सीडीआर खंगालने पर सहदेव की भूमिका को पुलिस ने संदिग्ध माना है। एसपी अभिषेक पल्लव की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ हैं। एसपी अभिषेक पल्लव ने स्पष्ट कहा है कि गलत कार्यों में जो भी लिप्त पाए जाएंगे , चाहे वे कोई भी हो उसे बख्शा नही जायेगा, उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी।