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*शहरी क्षेत्रों से विलुप्त होती सनातन परंपरा को पुनः जीवित करने दल्लीराजहरा के इस संगठन द्वारा किया जाएगा गोवर्धन पूजा पर ये अनूठी पहल..आम लोगो को भी 11 बिंदुओं पर दी ये जानकारी*

 

बालोद – सनातन परम्पराओं के प्रति उदासीनता के कारण नगरीय क्षेत्रों मे आजकल तीज त्योहार मात्र औपचारिकता ही रह गया है| जिसकी वजह से त्यौहारों के असल उद्देश्य अब विस्मृत होने लगा है| इसलिए सर्व समाज समरसता समिति द्वारा अपने उद्देश्यों के अनुरूप सनातन मूल्यों और परम्पराओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए इस वर्ष पहली बार दिनांक 26/10/22 को गोवर्धन पूजा को सामूहिक उत्सव का स्वरुप देने के लिए दल्लीराजहरा शहर के प्रत्येक वार्ड में बुधवार को 12 से 01 बजे सनातन परम्परानुसार गौ माता की पूजा अर्चना कर सामूहिक खिचड़ी खिलाने का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है| जिसको लेकर नगर के प्रत्येक वार्ड में सनातन धर्म प्रेमी भाई बहनो से संपर्क कर उन्हें इस प्रकार के कार्यक्रम करने को प्रेरित किया जा रहा है| समिति द्वारा इस दौरान दल्ली राजहरा के नगरवासियों से अपने ग्रह स्थान/ वार्ड / सार्वजानिक स्थान/ मंदिर / कलामंच/ सामुदायिक भवन इत्यादि के पास एकत्र होकर मिलजुलकर मध्यान्ह 12-01 बजे के बीच गौ माता की पूजा कर अपने घर में बनी सात्विक भोजन जरूर खिलाने की अपील किये वही समिति द्वारा आम लोगो को भी इस गोवर्धन पूजा करने के लिए 11 बिंदुओं की आवश्यक लोकाचार व रिवाजों की जानकारी भी दी जा रही है|

क्या है ये विधि

🕉️ 1.सर्व प्रथम आयोजन में सम्मिलित होने वाले आपस में एक बैठक कर कार्यक्रम करने का निर्णय ले|
✡️ *2. उसके पश्चात् निश्चित स्थल का चुनाव करें जहाँ आयोजन किया जाना है|*

🔯 3. इसके बाद किसी गौ शाला से / गोठान से / खटाल से / घुमन्तु गाय को लाकर कार्यक्रम स्थल पर बांध दें |

☸️ *4. गौ माता को स्नान कराकर साफ सुथरा करें|*

🔯 5. आस पास के सभी घरो से एक एक कटोरी उनके घर में बनी सात्विक भोज्य पदार्थ को एकत्र करें|

✡️ *6. गोबर से कम से कम 1 फिट वर्गाकार में गोवर्धन पर्वत बनाये, बीच में हलषष्ठी(सगरी ) की तरह दो खंड बनाये, एक खंड में दूध और दूसरे खंड में गंगाजल मिश्रित पानी डाले, गोबर से बनी मेढ में फूल व मेमरी सिलयारी घास को लगाये (खोंचे)|*

☸️ 7.एक कप कच्चा दूध/ पानी / अगरबत्ती / दीपक / नारियल / फूल / दुब / नैवैध मेमरी सिलयारी (घास ) इत्यादि पूजा सामग्री

🔯 *8. गौ माता की सामूहिक पूजा करें, माला पहनाये, टीका लगाये उसके बाद गौ माता को गोबर से बनी गोवर्धन को खुंदवाये या छूते हुए पार कराये| पश्चात् गौ माता को खिचड़ी सामग्री तक लेकर आये और खिचड़ी का भोग लगाये|*

✡️ 9. खाट / पाटा / टेबल के ऊपर साफ सुथरा / नया कपड़ा बिछाकर घरो से लाये भोज्य पदार्थ को सूपा या एक बर्तन में रखे| गौ धन के खाने के बाद उपस्थित श्रद्धालु को उसी खिचड़ी के हिस्से को प्रसाद स्वरुप वितरित करें|

✡️ *10. गोवर्धन के गोबर को लेकर एक दूसरे का तिलक करें तथा आपस में शुभ दिवाली की बधाई प्रेषित करे और विदा ले |*

✡️ 11. कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए चाहे तो सामान्य सध्वनि प्रसारक यंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है|

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