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धर्म-कर्म :- तीजा पर्व पर किसना व बहेराभाटा मैं रामधनी का हुआ शुभारंभ…संसदीय सचिव इस कहा कुटुंब व्यवस्था से ही अपनी परंपरा और संस्कृति जीवित है

बालोद/ देवरीबंगला –  हमारे छत्तीसगढ़ में कुटुंब व्यवस्था होने से अपनी परंपरा और संस्कृति जीवित है। जिसका सबसे अच्छा उदाहरण तीजा पर्व है। हम धीरे-धीरे पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रहे हैं। इससे हमें बड़ा नुकसान होगा। उक्त उद्गार ग्राम किसना व बहेराभाटा में तीजा पर्व पर आयोजित दो दिवसीय रामधुनी प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए संसदीय सचिव व विधायक कुंवरसिंह निषाद ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारे आने वाली पीढ़ी को छत्तीसगढ़ की परंपरा, संस्कृति व संस्कार को बताना होगा। पहले हमारे यहां गुरुकुल पद्धति थी। जहां परंपरा, संस्कार और संस्कृति की शिक्षा दी जाती थी।

वह लगभग लुप्त हो गई है। अब हमें घर पर ही बच्चों को गुरुकुल जैसी शिक्षा देनी होगी। जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री केशव शर्मा ने कहा कि हम रामधुनी जरूर कराते हैं। लेकिन राम जैसा आचरण नहीं करते। जनपद अध्यक्ष जागृत सोनकर ने कहां की अपनी व्यवहार एवं भाषा में मधुरता लाए जिससे आपसी संबंध बने रहे। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कोदूराम दिल्लीवार ने कहा कि हर समस्या का समाधान होता है। इसके लिए धीरज रखना पड़ता है। आपके गांव में भी विकास की गंगा बहेगी। इस अवसर पर महामंत्री दुर्गा ठाकुर, रिटायर्ड प्राचार्य केआर ठाकुर, संतराम तारम, बहेराभाटा के सरपंच कुंभकरण निर्मलकर, गुल्लूराम पटेल, चैतु ठाकुर गेंदराम ठाकुर जय सियाराम युवा मंडल के अध्यक्ष राकेश कुमार, गंगाधर साहू, तुलाराम बनपेला, जगदीश जंजीर, ढालसिंह ठाकुर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व महिलाएं उपस्थित थी। संसदीय सचिव ने ग्राम बहेराभाटा में पानी टंकी निर्माण एवं सामुदायिक भवन निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।

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