बालोद- आजादी के 75 वी वर्षगांठ स्वतंत्र दिवस से 2 दिन पहले कांकेर जिले के यात्रियों को ट्रेन सुविधा की सौगात मिली हैं।धुर नक्सली क्षेत्र अंतागढ़ से दुर्ग एवं रायपुर से अंतागढ़ तक डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन की सुविधा का अंतागढ़ तक विस्तार का शुभारंभ किया गया । डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन की सुविधा का अंतागढ़ तक विस्तार का शुभारंभ सांसद लोकसभा कांकेर मोहन मंडावी द्वारा शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया गया । इस दौरान विधायक अंतागढ़ अनूप नाग , मंडल रेल प्रबंधक रायपुर श्याम सुंदर गुप्ता सहित अन्य लोगो की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर सुरक्षा बल के सैकड़ों जवानों की मौजूदगी रही।
यात्रियों को मिलेगी सुविधा, 50 प्रतिशत तक होगा लाभ
अंतागढ़ रेलवे स्टेशन से ट्रेन की शुरुआत होने से अंतागढ़ कांकेर नारायणपुर जिला जैसे सुदूर वनांचल के लोगों को रायपुर राजनांदगांव दुर्ग रायपुर बिलासपुर जाने में अब ट्रेन की सुविधा मिल सकेगी। जल्द ही इसके लिए नए टाइमिंग तय किया जाएगा। इसके पूर्व अंतागढ़ से 17 किलोमीटर दूर केंवटी से रायपुर तक के लिए ट्रेन चल रही है। अब यात्रियों को अंतागढ़ पर ही रेल सुविधा मिल सकेगी। इसके साथ ही बस में दुर्ग पहुंचने के लिए ₹100 किराया देना पड़ता है। जो अब महज ₹50 में ही यात्रा की सुविधा मिलेगी।
ट्रायल के दौरान लोगों में दिखी थी खुशी
साल 2020 के अगस्त महीने में रेलवे ने ट्रायल ट्रेन चलाकर रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया। इस दौरान अंतागढ़ से दल्ली राजहरा तक ट्रेन चलाई गई। इस मौके पर लोगों में खुशियां देखने को मिली थी कि अब कांकेर जिले में भी ट्रेन सुविधा मिल सकेगी। आखिरकार रेलवे ने लोगों का इंतजार खत्म कर दिया है। नक्सलियों द्वारा इस ट्रेन के विस्तार योजना को रोकने के लिए कई प्रयास किए गए। लेकिन एसएसबी, बीएसएफ, और स्थानीय पुलिस बल के जवानों ने नक्सलियों के सभी प्रयास नाकाम कर दिए।
रावघाट प्रोजेक्ट में आएगी तेजी
भिलाई इस्पात संयंत्र को अंतागढ़ से ट्रेन की सुविधा मिलने के बाद अब रावघाट प्रोजेक्ट में तेजी आएगी । भिलाई इस्पात संयंत्र फिलहाल आयरन ओर की कमी से जूझ रहा है। कांकेर के रावघाट से आयरन ओर(लौह अयस्क) ट्रेन के माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र पहुंच सकेगा। जिससे बीएसपी के उत्पादन में वृद्धि होगी और बीएसपी को उच्च गुणवत्ता का आयरन ओर मिल सकेगा। वर्तमान में दल्ली राजहरा माइंस से कम गुणवत्ता वाले आयरन ओर की सप्लाई की जा रही है। जिससे उत्पादन में कमी देखी जा रही है।
अब तक इस तरह हुआ विस्तार
साल 2016 में शुरू हुए इस विस्तार योजना में पहली बार दल्ली राजहरा से गुदुम तक 17 किलोमीटर की पटरी बिछाई गई। जिसके बाद साल 2018 में गुदुम से भानूप्रतापपुर तक 17 किलोमीटर की पटरी बिछाई गई। फिर तीसरे चरण में भानूप्रतापपुर से केवटी तक 8 किलोमीटर की पटरी बिछाने का काम साल 2019 से पूरा किया गया। वही केवटी से 17 किलोमीटर दूर अंतागढ़ तक पटरी बिछाने का काम साल 2020 में पूरा कर लिया गया। लेकिन ट्रेन की शुरुआत नही की जा सकी थी।