बालोद- बालोद के नए पुलिस अधीक्षक जितेंद कुमार यादव ने बुधवार दोपहर को पदभार ग्रहण किया। इससे पहले वे भानुप्रतापपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन में थे।बालोद के पूर्व एसपी गोवर्धन ठाकुर का स्थांतरण सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर के पद पर पदस्थ किया हैं। बुधवार को दोपहर अचानक ही नए एसपी बालोद पहुंचे व चार्ज ग्रहण करते हुए कहा कि अपराधों पर अंकुश लगाना ही उनकी प्राथमिकता होगी। साथ ही किसी अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिले के 12वें पुलिस कप्तान
जिले के नये पुलिस कप्तान के पद पर बुधवार को तेज तर्रार माने जाने वाले भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी जितेंद कुमार यादव ने अपना पदभार संभाल लिया। जिले के 12वें पुलिस अधीक्षक चार्ज लेने अपने कार्यालय पहुंचे। जहां उन्हें सबसे पहले गार्ड आफ आनर दिया गया। उसके बाद उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पुलिस अधिकारियों ने फूलों का गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया। जिसके बाद नए पुलिस कप्तान जितेंद यादव ने सभी से परिचय लेने के बाद पुलिस अफसरों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
नए एसपी ने कानून व्यवस्था को लेकर थाना प्रभारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
पदभार ग्रहण के बाद परिचय मीटिंग में जिला पुलिस बालोद के समस्त राजपत्रित अधिकारी अति. पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम, डीएसपी सुश्री नवनीत कौर, एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी, सीएसपी राजहरा मनोज तिर्की, डीएसपी राजेश बागड़े, डीएसपी एसएस मौर्य, रक्षित निरीक्षक मधुसूदन सिंह नाग व समस्त थाना प्रभारी एवं ऑफिस स्टॉफ उपस्थित हुए। इंट्रोडक्शन बैठक में एडिशनल एसपी प्रज्ञा मेश्राम द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से पुलिस अधीक्षक द्वारा जिला बालोद के संबंध में सभी फील्ड की जानकारी दी।जिसमे थानावार क्राइम रिपोर्ट, राजनीतिक, सामाजिक, भगौलिक, व वर्तमान परिस्थितियों की जानकारी दी गई एवं नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक द्वारा कानून व्यवस्था के संबंध में सभी थाना प्रभारियों को अपनी सूचना तंत्र से कड़ी करने हेतु सख्त निर्देश दिए गए।
नए एसपी के समक्ष होगी कई बड़ी चुनौतियां
नए एसपी कड़े तेवर के आइपीएस अधिकारियों में माने जाते हैं। उनसे जिले के लोगों को काफी उम्मीदें है। अपराध पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के अलावा अपराधियों की गिरफ्तारी, शराब की अवैध बिक्री पर रोक लगाना उनके लिए बड़ी चुनौती है। इसके अलावा हाल के महीनों में बढ़े अपराध के ग्राफ को भी नीचे लाना उनके लिए अग्नि परीक्षा होगी। जिसके लिए एक बार फिर उन्हें सूचना तंत्र को मजबूत बनाना होगा। मुखबिरों की संख्या बढ़ानी होगी, जिससे असमाजिक तत्वों पर लगाम लगा सके और उन पर समुचित कार्रवाई की जा सकी। जिससे जिले में आपराधिक तत्वों पर कार्रवाई का डर रहे।