➡️ *बिरजू राम सोनी 17 वर्ष पूर्व अपने ग्राम कोसीर थाना सारंगढ़ जिला-रायगढ़ से निकला था काम की तलाश में* ।
➡️ *थाना देवभोग को किरायेदार की सत्यापन के दौरान मिला था, बिरजू राम सोनी* ।
➡️ *बिरजू राम सोनी को पाकर उनके परिजन की खुशी का ठीकाना ना था, देवभोग थाना स्टाफ की खूब प्रशंसा की* ।
– गरियाबंद पुलिस कप्तान श्री. जे.आर. ठाकुर के द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में निवासरत किरायेदार की सत्यापन हेतु ओदशित किये थे। जिसके परिपालन में अति0 पुलिस अधीक्षक श्री चन्द्रेश सिंह ठाकुर के निर्देश एवं अनुविभागीय अधिकारी मैनपुर श्री अनुज कुमार के पर्यवेक्षण में थाना देवभोग प्रभारी निरीक्षक बसंत बघेल के द्वारा अपने स्टाफ के साथ मिल कर थाना देवभोग क्षेत्रांर्गत निवासरत किरायेदार का सत्यापन किया जा रहा था। इसी बीच फोकटपारा देवभोग में लतीफ खान के मकान में एक व्यक्ति वर्ष 2009 से किराये पर रह रहा था। उक्त व्यक्ति से पूछता किया गया जो अपना नाम बिरजू राम सोनी पिता हेतराम सोनी उम्र 47 वर्ष जो वर्ष 2005 से रायपुर मठपुरैना कर पेंटिंग का काम कर था। जो वर्ष 2009 में देवभोग आ कर वर्तमान में पेंटींग का काम कर रहा है। जो करीब 17 वर्ष पूर्व अपने गृह ग्राम कोसीर थाना सारंगढ़, जिला-रायगढ़ से अपने परिवार को छोड़ कर काम की तलाश में घर से निकल गये था। जो 17 वर्षो से अपने परिवार से अलग रह रहे थे। थाना स्टाफ के द्वारा घटना की पूरी जानकारी थाना प्रभारी निरीक्षक बसंत बघेल को बताने के बाद थाना प्रभारी द्वारा अपने स्टाफ के मद्द से थाना सारंगढ़ थाना प्रभारी से बात कर उनको बिरजू राम सोनी की पूरी घटना की जानकारी बता कर उनके परिजन से संपर्क कराने को कहा।
थाना प्रभारी सारंगढ़ द्वारा बिरजू राम सोनी के परिजन से संपर्क कर उसकी जानकारी दी बिरजू राम सोनी नामक एक व्यक्ति जो थाना देवभोग जिला-गरियाबंद क्षेत्रांर्गत किराये से रहता है। पेंटिंग का काम करता है। इस खबर को पाकर बिरजू सोनी के बडे भईया अजीत सोनी, छोटा भाई उदेराम सोनी भतीजा हेतुराम सोनी एवं गांव के साथियों के साथ थाना देवभोग पहुचे। 17 वर्ष पूर्व अपने परिवार से पिछडा बिरजू राम सोनी को परिवारजन द्वारा अपने बीच पाकर उनका खूशी का ठिकाना नही रहा। खूशीयों का ईजहार एक-दूसरे को मीठाईयां खिला कर किया गया।
पुलिस कप्तान ने कहा कि जिसके घर से कोई बीछड़ जाये उसकी दूख उसके परिवार से बेहतर और कोई नही जान सकता, ठीक उसी प्रकार कोई बीछडा हुआ व्यक्ति 17 वर्षो बाद अपने परिवारजन से मिल, तो उस खूशी के पल को उस परिवार से ज्यादा कोई और नही महशुस कर सकता। इस नेक एवं प्रशंसनीय कार्य के लिए थाना प्रभारी देवभोग एवं स्टाफ को बधाई देता हॅू।