बालोद-चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर शनिवार को जिले के प्रसिद्ध गंगा मैया मंदिर झलमला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन हुआ। इसके बाद देवी स्वरूपा 1100 से अधिक कन्याओं को भोज कराया गया। बता दे कि कोरोना काल के कारण दो वर्षों तक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नही किया था।लेकिन अब जिले में कोरोना संक्रमण में भारी कमी के चलते इस वर्ष गंगा मैया मन्दिर में विभिन्न धार्मिक आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत महाष्टमी पर्व पर गंगा मैया मन्दिर प्रागण में देवी स्वरूपा 1100 से अधिक कन्याओ को भोज कराया ।इस आयोजन में पुलिस अधीक्षक गोवर्धन सिंह ठाकुर, अतरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमति प्रज्ञा मेश्राम, एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी व उस धर्मपत्नी श्रीमति चतुर्वेदी द्वारा कन्याओ को खीर पूड़ी परोसा गया।इस दौरान सभी कन्याओ को उपहार स्वरूप स्टील की थाली दिया गया।इसी कड़ी में कन्या भोज में भी प्लास्टिक की सामग्री का उपयोग नहीं किया गया। स्टील की थाली, गिलास सहित अन्य बर्तनों का उपयोग किया गया।
उपहार में दिए थाली और गिलास
इस दौरान विशेष बात यह रही कि कन्या भोज में शामिल विभिन्न स्कूलों के 1100 से अधिक कन्याओं को भोज में इस्तेमाल किए गए थाली उपहार में दिया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक गोवर्धन ठाकुर ने कहा कि माँ गंगा मैया के सानिध्य में यहाँ दानदाताओ और मन्दिर प्रबन्धन के द्वारा 1100 से अधिक कन्याओ को भोज कराया गया।ये अपने आप मे बहुत बड़ी उपलब्धि हैं।जहां हम कन्याओ को माँ दुर्गा लक्ष्मी के रूप में पूजते है।और इस तरह के आयोजन से बच्चियों और महिलाओं के प्रति सम्मान देखने को मिल रही हैं।निशदेय प्रबंधन और दानदाताओ का कार्य सराहनीय हैं।और ऐसे आयोजन से आपसी सदभाव और भाईचारे और एक सामाजिक समरता देखने को मिला।
कन्याओ को दिया गया विशेष स्थान
नगर की पल्लवी टावरी ने कहा कि आज महाष्टमी का पर्व है।हवन पूजन और पूर्णाहुति शुरू होते ही कन्या भोजन का दौर शुरू हो जाता हैं।कन्या भोजन के द्वारा ही नवरात्र की सिध्दि पूरी होती हैं।कन्याओ को विशेष स्थान दिया गया हैं।जब हम कहते है कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ उसका व्यवहारिक रूप हैं।उन्होंने कहा कि आप देख रहे है विभिन्न स्कूलों से हजार से अधिक बच्ची आई हैं।दो वर्षों से यहाँ कार्यक्रम कोरोना के वजह से नही हुआ था।इसलिए आज उसका अलग ही उत्साह देखा जा रहा है।एक तरफ पालक अपने बच्चों को साथ मे लेकर आते है।वही दूसरी ओर विभिन्न स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकाएं बच्चो की सूची देते है।और बकायदा साथ मे लेकर आते है।बच्चे यूनिफार्म पहने हुए है।बच्चे अनुशासन के भोजन किया।