बालोद- जिले के नगर पंचायत गुरुर के अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद अविश्वास प्रस्ताव मामले से राहत मिली हैं। नगर पंचायत गुरुर के 13 पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस कलेक्टर को दिया था।जिसके बाद 11 मार्च को सम्मिलन की तिथि तय की गई थी। जिसमें पार्षदों ने नगर पंचायत के अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। यहां नगर पंचायत का अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी का है। इसके बावजूद उसके ही पार्टी के पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुर नगर पंचायत में अध्यक्ष को मिलाकर 15 पार्षद हैं। इनमें से 13 पार्षदों ने बुधवार दोपहर को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
इसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के खिलाफ शिकायत की थी। अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से पार्षद काफी नाराज हैं। पार्षदों ने कलेक्टर से यहां जल्द से जल्द अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि निर्धारत करने की मांग की थी। इसके बाद परीक्षण के बाद 11मार्च को सम्मिलन की तिथि तय कर दी गई थी। इससे पूर्व अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू ने हाईकोर्ट से स्थगन आदेश के आया।
13 पार्षदों ने किए थे हस्ताक्षर
15 पार्षदों वाले नगर पंचायत के 13 वार्ड पार्षदों ने अविस्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किथा था। पार्षदों ने शिकायत में कहा था कि अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के दो साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। उनके कार्यकाल के दौरान नगर पंचायत क्षेत्र में कराए गए सभी निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन है। प्लेसमेंट में सुपरवाईजर पद पर कार्यरत अध्यक्ष पति द्वारा मनमानी की जाती है। पूर्व स्वीकृत पीएम आवास का निर्माण अध्यक्ष बनने के पश्चात शुरू कराया गया है। जबकि नैतिकता के आधार पर आवास किसी गरीब को आवंटित करना था। पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यो के लिए चर्चा एवं बैठक के सुझाव को नजरअंदाज किया जाता है। पद प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए किसी भी विकास कार्य को प्राथमिकता से कराने में अध्यक्ष के द्वारा रूचि नहीं ली जाती। जिससे नगर के कई विकास कार्य थमे पड़े हैं।