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छत्तीसगढ़ में सबसे पहले बालोद जिले में शुरू हुआ चेस इन स्कूल प्रोग्राम.. भारतीय चेस एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी पहुंचे बालोद और कहा….

 

बालोद- जीवन मे आपके द्वारा बढ़ाया गया एक कदम जिसे आप वापस नही ले सकते इसलिए कदम को बढ़ाने से पहले सोचो..ऐसे कई सुविचार जो सतरंज ही हमे सिखाती है….और इसीलिए बौद्धिक विकास के लिए शतरंज को सबसे बेहतर गेम भी माना जाता है…और अब इससे स्कूली बच्चो को जोड़ने पहली बार चेस इन स्कूल के नाम से एक पायलट प्रोजेक्ट चलाने की तैयारी बालोद जिले के आत्मानंद शासकीय स्कूल से किया जा रहा है….जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है जिसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है…जिसमे बच्चो को जोड़कर उन्हें शतरंज की बारीकियां सिखाई जाएगी

.”चेस इन स्कूल” आल इंडिया चेस फेडरेशन का रिवोल्यूशनरी प्रोग्राम है ….जिसे पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जिले के आत्मानंद सरकारी स्कूल से प्रारंभ किया जा रहा है …..लेकिन विभिन्न स्कूलों के बच्चे यहां शामिल हुए……इस दौरान कलेक्टर जनमेजय महोबे ने इस ‘‘चेस इन स्कूल‘‘ शुभारंभ के अवसर पर विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए शतरंज खेल के महत्व से अवगत कराया…. उन्होंने कहा कि शतरंज ऐसा खेल है, जिसे खेलकर छात्र-छात्राओं में मानसिक स्थिरता आती है तथा धैर्य, अनुशासन, रचनात्मकता सहित बहुत से गुणों का विकास होता है… इससे मानसिक विकास भी तेजी से होता है….. शतरंज खेल से निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को शतरंज के खेल में रूचि लेने प्रोत्साहित भी किया….इस दौरान इस खेल को बालोद जिले में इस कार्यक्रम को प्रारंभ करने पहुंचे छत्तीसगढ़ चैस फेडरेशन के महासचिव ने भी चेस में अपने अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के सफर की चर्चा बच्चो से किये और बौद्धिक विकास के साथ साथ चेस का सामान्य जीवन पर कितना असर पड़ता है…जीवन मे लेने वाले फैसलों के लिए शतरंज कितना महत्वपूर्ण है…वही विश्वनाथन आनन्द सहित सतरंज खिलाड़ियों के बारे में बच्चो को बताया गया..वही बच्चे भी इसको लेकर काफी उत्साहित नजर आए..और बच्चो ने भी बालोद जैसे जगह से चेस इन स्कूल जैसे खेल का शुरुआत होना बालोद जिले के लिए बड़ी उपलब्धि मानते हुए इसका लाभ अन्य बच्चो को भी मिलने की बाते कहते दिखे


पूरे मामले में छत्तीसगढ़ चैस एसोसिएशन के महासचिव के पूर्व में।आल इंडिया चैस फेडरेशन के संयुक्त सचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व चैस में ग्रीस बांग्लादेश चीन जैसे देशों के भारतीय टीम के कोच रह चुके विनोद राठी…. जो बीते 50 वर्षो से इस खेल में जुड़े है ..इनकी अनुसार बालोद जिला देश का पहला ऐसा जिला है जहां पर आल इंडिया चैस फेडरेशन के द्वारा चैस ने स्कूल जैसे संघ के रिवोल्यूशनरी प्रोग्राम को प्रारंभ किया जा रहा है…जिसे आगे चलकर देश के बड़े शहरों में भी किया जाएगा ..वही इसकी शुरुआत के पीछे इनके अनुसार शहरी क्षेत्रों में तो ऐसे खेलो के लिए कई व्यवस्थाएं है..लेकिन सुदूर व आदिवासी इलाकों में भी होनहारों को इसका लाभ मिल सके इस उद्देश्य से इसकी शुरुआत बालोद जैसे एक छोटे जिले से किये जाने की बाते कही गई.

 

 

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