बालोद-जिले के गुरुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक फरवरी को गौ तस्करी में पकड़ाये गौ धन को जब्त कर गौ तस्करों पर कारवाई करने और बालोद जिले में संचालित सभी मवेशी बाजार को बंद करने की मांग को लेकर शुक्रवार को गौभक्तो ने कलेक्टोरेट पहुचकर कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौपा। गौभक्तो द्वारा सौपे गए ज्ञापन में बताया कि एक फरवरी की रात को लगभग 400 गौधन गुरुर थाने के अंतर्गत पकड़ाया था। जिस पर गुरुर पुलिस को जानकारी दी गई थी। पुलिस भी रात्रि में घटना स्थल पर पहुंची थी। इस पर पुलिस ने सभी गोधन को देखा व कुछ आरोपियों सहित वाहन भी जब्त किया था। गौधन और कुछ आरोपियों को छोड़ पुलिस अपने थाने चले गए लेकिन पुलिस एक भी जवान को घटना स्थल पर नहीं छोड़ा गया। इसी का फायदा उठाकर अन्य तस्कर 400 गौ धन को मध्य रात्रि को भागने में सफल रहे
जिले में बहुत बड़ा रैकेट गौतस्करी में कर रहे कार्य
गौभक्तो ने बताया कि गौ सेवको को पता चला तब जंगल में ढूढ़कर 100 गौधन को बचाया गया। इस दौरान एक आरोपी को पुलिस के हवाले किया गया।गौवंश को सुरिक्षत रखा गया किंतु 300 गौवंश पैदल जंगल के रास्ते बस्तर की ओर गौ तस्कर ले गए थे।गौतस्करों ने गौ धन को रस्सी से कस कर बांधा गया था। भूखे प्यासे बेरहमी से बाँध कर मारते पौटते ले जाते हैं। चारे की कोई व्यवस्था नहीं होती है। बहुत बड़ा रैकेट गौ तस्करी में कार्य कर रहा है। यह लोग कानूनी कमजोरी का फायदा उठा कर स्लीपर सेल तैयार कर गौवंश को पैदल परिवहन कर लम्बी दूरी तय कर गौ तस्करी करते हैं। छतीसगढ़ सिमा क्षेत्र में बाजारों के माध्यम से गो तस्कर कत्ल खाने गौ धन को ले जाते है।
किसानी के नाम पर मवेशी को इकठ्ठा कर ले जाते है कत्लखाना
गौभक्तो ने बताया कि अलग अलग बाजारों की रसीद व मेडिकल बनाकर पैदल परिवहन कर रहे हैं। कई गौधन को छोटे व अधिक उम्र के होते हैं। कुछ बुजुर्ग गौधन भी होते हैं। किसानी के नाम पर मैदानी एरिये से गौ धन इकठ्ठा किया जाता है। और पहाड़ी मार्ग से पैदल लम्बी दूरी तय कर बस्तर ले जाया जाता है। गौ धन को कत्ल खाने ले जाते हैं। नये नये तरिके गो तस्करों ने खोज निकाले है। कुछ कानूनी कमजोरी का फायदा गौ तस्कर उठा रहे हैं।
राजनीति दवाब के चलते गुरुर पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों को छोड़ा
मुख्य मंत्री भूपेश बघेल की स्वर्णिम योजना को नरवा धुरवा को असफल करने में गौतस्कर लगे हुए हैं। कुछ राज नेता भी वोट के प्रभाव में इन तस्करों का समर्थन करते हैं।जिस पर नेता पुलिस पर दबाव बनाते हैं। गुरुर पुलिस ने रात में पकड़े आरोपियों को छोड़ दी। यह राजनीतिक दबाव में छोड़ा गया है।
बालोद जिले के सभी मवेशी बाजार को बंद कराने की मांग को लेकर गौभक्तो ने कलेक्टर को सौपे ज्ञापन
ज्ञापन में बताया गया कि जिले के करहीभदर खेरथाबाजार, खुर्सीपार में मवेशी बाजार लगता है जो खरीदी-बिक्री की आड़ में गौवंश की पैदल परिवहन कर महाराष्ट्र कल्लखाने एवं बड़भूम जंगल से लोहड़ी गुंडा कोरेनार (बस्तर) बाजार की आड़ में आंध्रप्रदेश कल्लखाने पहुंचाया जाता है। पैदल तस्करी कर तस्कर किदवई (बलोदा बाजार) से उतई दुर्ग) से करहीभदर से मुसुरकुटटा लोहंडीगुड़ा कोरेनार (बस्तर) की दिनों तक गौवंश को पैदल तस्करी कर क्रूरतापूर्वक रस्सियों से बांधकर भूखा-प्यासा दौड़ाते हुए मारते पीटते हुए अलग-अलग कत्लखानों तक स्लीपर सेल द्वारा कानून को धोखा देने के लिए अलग-अलग रसीदों का उपयोग कर छोटे छोटे गौवंश को ले जाया जाता है। तस्करों द्वारा छत्तीसगढ़ के कोसली गौवंश को कत्लखाने भेजकर मुख्यमंत्री की स्वर्णिम योजना को तस्करों द्वारा चूना लगाया जा रहा है एवं गौहत्या की मोटी रकम द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है तस्करों का लम्बा रैकेट गौहत्या में शामिल है एवं इनकी अगुवाई में कई गाड़ियां हथियार से लैस होकर चलती है जो तस्करी रोकने पर हमला करने में देर नहीं करती हैं। गौभक्तो ने करहीभदर मवेशी बाजार जो कि पैदल तस्करी का केन्द्र है जिसे तत्काल बंद कर गौवंश को बचाने की मुहिम में गौसेवकों का सहयोग कर गौमाता की रक्षा करने की मांग प्रशासन से किया है।ज्ञापन सौपने के दौरान जिला गौरक्षा प्रमुख अजय यादव,नरेंद्र जोशी,दुष्यंत पटेल,हेमंत साहू सहित अन्य गौभक्त शामिल थे।