बालोद- बालोद जिला मुख्यालय स्थित गंगा मैय्या दुग्ध उत्पादक एवं प्रसंस्करण सहकारी समिति द्वारा संचालित दूध गंगा और विवादों का नाता कोई नया नही बल्कि काफी समय से चला रहा है कभी मिलावटी खोवे का वायरल वीडियो का मामला हो या लॉक डाउन में बीच सड़क पर दूध बहाने का हो ..लेकिन समय के साथ नया विवाद न आये ऐसा अब तक नही हुआ और ऐसे ही विवादों के बीच पूर्व अध्यक्ष पर भी मनमानी का आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव भी लाये और अध्यक्ष भी बदल दिए लेकिन आज तक न व्यवस्था सुधरी न ही दूधगंगा दुकान की मनमानी.. पिछले कुछ दिनों से लगातार ग्राहकों की शिकायत मिल रही थी कि दूध गंगा में मिठाई के दाम पर खड्डे व प्लास्टिक भी ग्राहकों को परोसे जा रहे है मामले को लेकर मिल रही शिकायत पर जब तफ्तीश की गई तो वास्तव में संचालक द्वारा मिठाई पर ग्राहकों को मोटा चुना लगा रहे है।ये मिठाई के साथ डिब्बा भी तौल रहे है।जिससे ग्राहकों को मिठाई कम मिल रही और ग्राहकों को खरीदे गए मिठाई की दाम पर डब्बा लेना पड़ रहा है से ज्यादा ।एक डिब्बा का अमूमन 40 से 50 ग्राम वजन होता है।इस तरह यदि कोई ग्राहक 1 एक किलो मिठाई लेता है तो ग्राहक को लगभग 900 ग्राम ही मिठाई मिल रही है। जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है गाहको को मिठाई के दाम पर किस तरह प्लास्टिक के डिब्बे परोसे जा रहे है
डिब्बा के साथ तौल रहे मिठाई
मामले पर बालोद जिले के मापतौल विभाग भी गंभीर नही नही है और विभाग की अनदेखी के कारण जिला मुख्यालय के गंगा मैया दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के संचालक द्वारा मिठाई पर ग्राहकों को मोटा चूना लगा रहे हैं। ये मिठाई के साथ डिब्बा भी तौल रहे हैं। जिससे ग्राहकों को प्रति 1 किलो मिठाई लेने पर ग्राहक को 900 ग्राम ही मिठाई मिल रही है। ऐसा कर दूध गंगा के संचालक बड़ा घालमेल कर सीधा सीधा ग्राहकों को चुना लगा रहे हैं। दूध गंगा के संचालक द्वारा मिठाई के साथ डिब्बा का वजन भी तौल रहे हैं । इस बात से अंजान कई ग्राहक भी बिना सवाल किए डिब्बा लेकर चले जा रहे हैं। लेकिन मामले पर जब कोई ग्राहक पूछते है तो काउंटर पर बैठे कर्मचारी भी ग्राहकों से सीधे मुह बात नही करते..जबकि मिठाई या किसी भी उत्पाद में डिब्बे के वजन को भी शामिल करना गैर कानूनी है। बावजूद इसके जिले में नापतौल विभाग द्वारा दुकानों में जाकर कभी भी ऐसे मामलों की न जांच करती है न ही कोई कार्यवाही
क्या है नियम
उपभोक्तासुरक्षा अधिनियम 1982 के तहत कोई भी दुकानदार अपने दुकान में मिलने वाले सामान के साथ डिब्बा नहीं तौल सकता है। इसके लिए उसे पहले बताना होगा कि एक किलोग्राम मिठाई दे रहा है या फिर 900 ग्राम। सूचित किए बगैर डिब्बे को भी मिठाई के साथ तौलना नियमों के खिलाफ है। ऐसा करने पर उपभोक्ता के अधिकारों का हनन है। वह सीधे उपभोक्ता फोरम में न्याय के लिए भी जा सकता है। लेकिन इन सब से अनजान जिला मुख्यालय में दूध गंगा संचालक द्वारा धड़ल्ले से मनमानी करते नजर आते है ।