बालोद-जिले के उपार्जन केंद्रों और संग्रहण केंद्रों के बीच धान से भरी ओवर लोड ट्रके कमोबेश हर दिन परिवहन नियम तार-तार हो रहा है। धान से भरी ट्रक ओवरलोड दिखना आम है। रेलवे क्रोसिग पर रेलवे का ओवरहेड बैरियर भी इन्हें नहीं रोक पा रहा है। शुक्रवार को धान से भरी ओवर लोड ट्रक बधमरा रेल्वे फाटक के बैरियर का उपरी लोहा को धसीटते धसीटते बहार निकाला गया।
धान से भरी ओवर लोड ट्रक को रेलवे फाटक के ओवरहेड बैरियर को धसीटते हुए निकाला
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को धान से भरी ओवर लोड ट्रक बधमरा रेल्वे फाटक के ओवरहेड बैरियर का ऊपरी लोहा को धसीटते धसीटते बाहर निकाला गया। इस दौरान रेल्वे फाटक के कर्मचारी द्वारा ट्रक के चालक को ओवरहेड बैरियर से ओवर लोड ट्रक को निकलने के लिए मना करने के बाद भी ट्रक के चालक कर्मचारी के बातों को नजर अंदाज करते हुए लापरवाही पूर्वक ट्रक को धीरे धीरे से बैरियर को धसीटते धसीटते बाहर निकाला । ऐसा लगा कि बैरियर का लोहा अब टूट जाएगा। बधमरा रेलवे क्रोसिग पर ऐसे दृश्य हर दिन नजर आते हैं। बावजूद मुख्य मार्ग पर धान से भरी वाहनों पर ओवर लोडिग पर नकेल कसने वाला विभाग मार्ग के इस विशेष भाग पर उदासीन बना है। लेकिन इस बीच अभी ट्रायल में चल रहे हाई टेंशन इलेक्ट्रिक लाइन चालू रहती तो कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था
ट्रकों में क्षमता से अधिक धान भरकर धड़ल्ले से किया जा रहा परिवहन
धान से लदे भारी ट्रक इन दिनों बालोद जिले की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन पर संबंधित विभाग की नजर पड़ती भी है, लेकिन सरकारी है कहकर चलता कर दिया जाता है। ऐसे ओवरलोड वाहनों से हमेशा खतरा बना रहता है। मार्कफेड धान की खरीदी कर रही है। ये धान जिले के खरीदी केंद्रों से राइसमिल और संग्रहण केंद्र पहुंचाए जा रहे हैं। ट्रांसपोर्टर नियम कानून की परवाह किए बगैर ट्रकों में क्षमता से अधिक धान भर कर ले जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार 10 चक्कावाले ट्रक में 20 टन, वहीं 12 पहिया वाले ट्रक में 25 टन, 14 चक्का वाले 30 टन माल परिवहन करने का नियम है, लेकिन ट्रांसपोर्टरों द्वारा सारे नियमों को दरकिनारे करते हुए प्रत्येक ट्रकों में लगभग 7 से 10 टन अधिक माल भरकर धान का परिवहन किया जा रहा है। इन ट्रकों में ओवरलोड माल भरे होने की जानकारी विभाग को होती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। उठाव की रफ्तार पहले धीमी थी, तब ऐसा नजारा कम देखने को मिलता था, लेकिन जब से खरीदी केंद्रों में धान की आवक बढ़ी तब से ट्रांसपोर्टर ट्रकों में ओवरलोड धान भरकर परिवहन कर रहे हैं।
सड़कों की बिगड़ी हालत
ओवरलोड धान से भरे ट्रक इन दिनों बालोद जिले में इस कदर फर्राटे मार रहे हैं कि सड़कों की हालत बदतर होती जा रही है। सड़कों की हालत तो खराब हो ही रही है। वहीं गांव-गांव से धान का उठाव होने से ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों की हालत भी ठीक नहीं है। पीएमजीएसवाय की सड़कें पहले से ही कम मोटाई की बनी होती है। ऐसे में भारी वाहन गुजरते ही सड़क के परखच्चे उड़ रहे हैं।