बालोद-बालोद शहर के वार्ड क्रमांक 02 रेलवे स्टेशन स्थित गणपति नगर के रहवासियों को मूलभूत सुविधा के लिए तरसना पड़ रहा है। कॉलोनाइजर द्वारा गणपति नगर में न तो पक्की सड़कों का निर्माण कराया है और न ही बिजली- पानी, पार्क एवं खेल मैदान तथा गंदे पानी की निकासी के लिए नालियां बनी हैं। जिसके कारण बारिश का पानी खाली प्लाटों में जमा होता है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी भी यहां- वहां व सड़कों पर फैल कर लोगों को परेशानी पैदा कर रहा है। बता दे कि गणपति नगर कर रहवासियों ने नगर पालिका को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने की शिकायत किया गया था जिस पर पालिका ने उक्त गणपित नगर को वैध साबित किया गया।वही नगर पालिका और गणपति नगर के रहवासियों की सहायता से विकास कार्य प्रारभ करने की बाते कही गई थी लेकिन पालिका के पास फंड नही होने से मामला अटक गया और रहवासियों को मूलभूत के लिए तरसना पड़ रहा है।
गणपति नगर के खाली पड़े प्लांटों और कई धरो के सामने भरा बारिश का पानी
जानकारी के अनुसार बालोद शहर के रेलवे स्टेशन मार्ग में स्थित कॉलोनाइजर द्वारा वार्ड क्रमांक 02 में लगभग 10 से 15 एकड़ में गणपति नगर विकसित किया गया था।गणपति नगर में न तो पक्की सड़को का निर्माण कराया और न ही बिजली -पानी ,पार्क एव खेल मैदान तथा गंदे पानी की निकासी के लिए नालियां बनी है। गणपति के रहवासियों की शिकायतों को देखते हुए नगर पालिका ने इन कालोनि को वैध साबित किया गया। पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से खाली पड़े प्लांट में धुटने तक पानी भर गया है वही कई धरो के रहवासियों को अपने धरो में जाने के लिए पानी से होकर जाना पड़ रहा है। गंदे पानी की निकासी नहीं होने से क्षेत्र में मच्छरों का आतंक बड़ गया जिससे लोगो को परेशानी हो रही है।
शिक्षक नगर में पानी की निकासी का समुचित इंतजाम नही,रहवासियों को हो रही परेशानी
शहर के गणपति नगर में कृषि भूमि पर कॉलोनियों का विस्तार हुआ है। लोगों ने प्लाट लेकर स्वयं मकान बनाए हैं। इन कॉलोनियों की मुख्य समस्या पानी की निकासी का समुचित इंतजाम नहीं किया जाता है। जिससे बारिश होने के बाद जल भराव की स्थिति बन जाती और कई दिनों तक गलियों व खाली प्लाटों में पानी भरा रहता है। वही गणपति नगर के सामने शिक्षक नगर में अवैध कालोनी विस्तार किया गया है। कॉलोनाइजर द्वारा प्लाट काटे गए, लेकिन पानी की निकासी के लिए नाली नहीं बनाए गई। इसके अलावा इस कॉलोनी का पानी मुख्य नाले में मिलाने के लिए भी इंतजाम नहीं किया गया। जिससे शिक्षक नगर के खाली पड़ी हुई प्लांट मे पानी भर गया है। हालांकि यहां पर लोगों ने अपने आवास ऊंचाई से बनाए हैं, जिससे उनके घरों में पानी तो नहीं भर रहा है, लेकिन बाहर निकलने के दौरान पानी के बीच से निकलना पड़ रहा है।
कालोनी को काट दी जाती है, नाली सड़क बनाकर नही दी जाती
अवैध कॉलोनियों में केवल प्लाट दिया जाता है, नाली व सड़क बनाकर नहीं दी जाती है। लोग आवास बनाते जाते हैं और छोटी सी नाली अपने घर का पानी निकालने के लिए बना देते हैं। जबकि सभी घरों का पानी एक साथ बड़ी नाली में निकल सके इसकी व्यवस्था कॉलोनाइजर को करना चाहिए, लेकिन प्लाट का डेवलमेंट न करते हुए केवल प्लाट काटकर दिया जाता है, जिससे लोग घर तो बड़ा बना लेते हैं, लेकिन अपने घर के सामने नाली छोटी बनाते हैं, जिससे समस्या बढ़ती जाती है और सभी आवास बनने के बाद इन कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति बनती है।