बालोद/डोण्डी–(ओम गोलछा)डोण्डी विकासखंड के छिंदगांव ग्राम पंचायत के गरीब परिवार के एकलौता बेटे का भारतीय सेना में चयन हुआ तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सेना में भर्ती होने के बाद ट्रेनिंग पूरी कर जब वह जवान गांव लौटा तो ग्रामीणों ने उसका जोरदार स्वागत किया। मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर छोटे से गांव छिंद गांव में पहली बार किसी व्यक्ति का आर्मी में चयन हुआ है। यहां के गरीब परिवार के परदेसी राम पटेल के पुत्र डीकेश्वर पटेल का 1 अप्रेल 2021 को इंडियन आर्मी में चयन होने के बाद वह ट्रेनिंग के लिए दिल्ली चला गया था। वहां 6 माह का प्रशिक्षण पूरा कर वह रविवार की शाम गांव वापस लौटा। वापस लौटने की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने एक बैलगाड़ी सजाई और ढोल नगाड़े, बैंडबाजे सहित 2 किलोमीटर आगे रेलवे ब्रिज पर एकत्र हुए। यहां सैनिक डिकेश्वर पटेल के आते ही बैंडबाजों ,गुलाल से स्वागत किया।जिसमे सैकड़ो की संख्या में महिला पुरूष व बच्चे शामिल थे।
दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत के कारण मिला मुकाम
फौजी डिकेश्वर पटेल ने बताया की वह रोजाना कम से कम 5 घंटे तक पढ़ाई करता था एवं गांव से 10 किमी तक रोजाना दौड़ लगाता था। उसका बस एक ही लक्ष्य था कि उसे देश की सेवा करना है और कठिन मेहनत लगन के कारण उसका सेना में चयन हो गया। डिकेश्वर के साथ उसी के गांव से 5 अन्य लड़के भी तैयारी कर रहे थे लेकिन उनका इंडियन आर्मी में सेलेक्शन नहीं हो सका।
डिकेश्वर ने बताया कि इसी माह को वह जम्मू कश्मीर पहुंचकर प्रशिक्षण केंद्र में आमद देगा। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उसे नई जिम्मेदारी मिलेगी। डिकेश्वर ने बताया कि उसे लद्दाख या जम्मू कश्मीर में ड्यूटी करनी पड़ सकती है, लेकिन देशहित उसे जहां भेजेंगे वहां पूरी निष्ठा से ड्यूटी करेंगे। स्वागत करने वालो में पवन साहू ,नोहर साहू, प्रदीप कोठारी, तिलेन्द्र रावटे, सरस कुमार, सौरभ, सरपंच छबिलाल गवर्णा , रेवा रावटे सहित अन्य शामिल थे।