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बालोद जिले में धूमधाम से मनाया गया दशहरा का महापर्व.. लेकिन इस पर्व में शासन के आदेशों का कितना हुआ पालन…किस तरह से मनाया गया दशहरा पर्व

बालोद- जिलों में कोरोना महामारी की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने दशहरा पर्व मनाने के लिए गाइड लाइन जारी की थी। 150 से अधिक लोगों को प्रवेश नहीं देने और किसी भी तरह का सांस्कृतिक आयोजन नहीं करने, आतिशबाजी नहीं करने जैसे अनेक नियम बनाए थे। जिला मुख्यालय के सरदार पटेल मैदान में दशहरा आयोजन में नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई।उक्त आयोजन में हजारों की भीड़ उमड़ी।


दशहरे में कोविड 19 की जमकर उड़ाई गई धज्जियां

जिले में हालांकि कोरोना के केस कम होने के साथ ही लोगों ने लापरवाही की हदें पार करनी शुरू कर दी हैं। प्रशासन की ओर से रावण दहन को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई थी। सभी दर्शकों को मास्क पहनना एक-दूसरे से 2 गज शारीरिक दूरी अनिवार्य थी। हालांकि रावण दहन के दौरान लोगों ने नियमों की धज्जियां उड़ा दी। भीड़ के आगे मौके पर मौजूद पुलिस भी मूकदर्शक बनकर सबकुछ देखने को मजबूर हो गई।

नगर में राम -रावण की निकली शोभायात्रा

नगर के सरदार पटेल मैदान में सार्वजनिक राज दशहरा उत्सव समिति द्वारा दशहरा उत्सव मनाया गया। भगवान श्रीराम और रावण संवाद के बाद रात 8 बजे 35 फीट रावण के पुतले का दहन किया गया। जानकारी के मुताबिक नगर के मोखला मांझी मंदिर के पास स्थित धर्मशाला में राम रावण हनुमान व जटायु के पात्र तैयार हुए और राम का दल ट्रक में सवार होकर दूसरे मार्ग से और रावण का दल भी ट्रक में सवार होकर अन्य रास्ते से आया। सरदार पटेल मैदान में जैसे ही पहुंचे सभी ने भगवान श्रीरामचंद्र के जयकारे व लंकापति रावण के जयघोष से अभिनंदन किया। भगवान श्रीराम और लंकापति रावण के बीच पहले संवाद में युद्ध हुआ। उसके बाद एक-दूसरे पर बाणों से प्रहार किया गया। अंतत: रावण श्रीराम के बाणों से जमीन पर धराशायी हो गया।

जय बजरंग अखाड़ा दल ने दिखाए हैरत अंग्रेज करतब

अखाड़ा व आतिशबाजी रहा आकर्षण का केंद्र
आयोजन समिति द्वारा सरदार पटेल मैदान में रंगारंग आतिशबाजी की गई। आकर्षक व रंगबिरंगे पटाखों से पूरा मैदान रौशन हो रहा था। नगर के जय बजरंग अखाडा दल न हैरतअंगेज करतब दिखाया। लगभग एक घंटे के अखाड़े और व्यायाम प्रदर्शन को लोगों ने देखा।

राम रावण संवाद के बाद पुतला दहन

सॉकड़ो लोगों की उपस्थिति में सबसे पहले भगवान श्रीराम और लंकापति रावण का संवाद हुआ। फिर दोनों दलों के बीच युद्ध हुआ। युद्ध के बाद भगवान श्रीराम ने धनुषबाण से रावण के पुतले का दहन किया। बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशियां मनाई गई। लोगों ने एक-दूसरे को सोनपत्ती भेंटकर पर्व की शुभकामनाएं दी।
दशहरे समारोह में नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा, पूर्व विधायक डोमेन्द्र भेड़िया,बाल अधिकार आयोग के राष्टीय सदस्य यशवंत जैन, पुरुषोत्तम पटेल, रामजी भाई पटेल, कृष्णा दुबे, सुरेश निर्मलकर, अनिल यादव , ठाकुर नाथ योगी , जोगेंद्र नाथ योगी सहित बालोद नगरपालिका के सभी पार्षद एवं बालोद नगर के सैकड़ों महिलाएं,पुरुष व बच्चे उपस्थित थे।

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