बालोद- “वैसे तो भोलेनाथ सरल उपासना से भी प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे अधिक प्रिय है। इसे शुद्ध मन से उचित समय पर किया जाना चाहिए। इसी सावन मास की कड़ी में बालोद विकासखण्ड के ग्राम करहीभदर के हृदय स्थल बाजार चौक हनुमान मंदिर के सामने 45 जोड़ों द्वारा शिवजी का महारूद्र अभिषेक कार्यक्रम संपन्न किया गया। ग्राम की सरपँच कमला देवी भूतड़ा सहित सभी युवक-युवती, बुजुर्ग महिला-पुरुष का बहुत बड़ा योगदान रहा। रुद्राभिषेक महादेव को प्रसन्न करने का रामबाण उपाय माना जाता है। ज्योतिषों व पंडितों के अनुसार सही समय पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करके आप मनचाहा वरदान पा सकते हैं। क्योंकि शिव के रुद्र के रूप को ये अभिषेक बहुत प्रिय है। इस दौरान गोविंद राठी, श्रीमती हेमा राठी, गोपाल दास गांधी, नीरज गांधी, अनिल राठी, ऋषभ भूतड़ा, राजकुमार गांधी, हरीश सोनी, सहित तमाम माहेश्वरी समाज व ग्रामवासी मौजूद रहे। इस दौरान पूरे ग्राम में हर हर महादेव की गूंज सुनाई दी।
रुद्राभिषेक की महिमा–
पंडित आकाश शास्त्री के अनुसार भगवान शिव का रुद्राभिषेक बहुत प्रभावी महत्वपूर्ण होता है, इसे शुद्ध मन से उचित समय पर किया जाना चाहिए। ऐसा करने से रुद्रभिषेक करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पंडित आकाश शास्त्री ने आगे कहा कि वैसे तो भोलेनाथ सबसे सरल उपासना से भी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे अधिक प्रिय है। कहते हैं कि रुद्राभिषेक से शिव जी को प्रसन्न करके आप असंभव को भी संभव करने की शक्ति पा सकते हैं। मान्यता के अनुसार रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं और शिव जी की कृपा से सारी ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है। शिवलिंग पर मंत्रों के साथ विशेष चीजें अर्पित करना ही रुद्राभिषेक कहा जाता है। रुद्राभिषेक में शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ किया जाता है। वहीं सावन में रुद्राभिषेक करना ज्यादा शुभ माना जाता है। यह भी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं। रुद्राभिषेक कोई भी कष्ट या ग्रहों की पीड़ा दूर करने का सबसे उत्तम उपाय है।