रायपुर – किसी भी मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन ये आम बात
हो चली है लेकिन इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कभी कभी कुछ ऐसा दृष्य सामने आता है जो सुर्खियां बन जाती है कुछ ऐसा ही वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में लगातार वायरल हो रही है ये वीडियो है छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का . जहां पर कुछ युवाओ द्वारा हाथ मे तख्ती लेकर जर्जर सड़क से लोगो को होने वाली परेशानियों को लेकर लोगो को ही आईना दिखाते हुए प्रदर्शन करते नजर आए जिसमे चुनावी वादों के बीच लोगो का चंद रुपयों और मुर्गे के लालच में अपने वोट को ग़लत लोगो को दिए जाने के कारण उत्पन्न समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए
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दरअसल समाजसेवी संस्था जनसंगठन के संयोजक विशाल केलकर के नेतृत्व में दर्री बांध से पुल से गुजरने वाली सड़क पर लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। केलकर का कहना है कि जिले में जर्जर व अत्यधिक जर्जर हो चुकी उपनगरीय, ग्रामीण व रिहायशी क्षेत्र की आंतरिक सड़कों की मरम्मत या जीर्णोद्धार लंबे समय से अपेक्षित है। नए मार्गों के निर्माण का आश्वासन केवल आश्वासन बनकर रह गया है। इसे लेकर क्षेत्रवासियों के सब्र का बांध फूटने तो लगा है। गाहे-बगाहे छोटे-छोटे और ध्यान आकर्षण करने वाले प्रदर्शन के जरिए भले ही अपनी बात शासन-प्रशासन तक पहुंचाने की कवायद जरूर कर रहे हैं।
अगर इसके बाद भी शासन-प्रशासन की नींद न खुली, तो एक बार फिर मुख्य मार्ग पर बड़े आंदोलन की राह अपनाई जाएगी बांध के पुल पर लोगों ने हाथों में तख्तियां लिए श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। युवतियों और युवकों के इस प्रदर्शन में नारेबाजी के साथ जिला प्रशासन से पूछा जाता रहा कि कलेक्टर मैडम, यह सड़क कब बनेगी। इसी तरह नगर के प्रथम नागरिक व महापौर से भी गुहार लगाई गई है कि सड़क बनवा दो। जिले के प्रारंभ से लेकर अंतिम सीमा तक लोग जर्जर सड़क की मार झेल रहे हैं। बारिश में सड़कों पर अनगिनत गड्ढे, गड्ढों में भरा पानी, कहीं-कहीं तो छोटी-छोटी डाबरियां तब बन गई हैं, जिनसे प्रतिदिन छोटे-बड़े वाहन बचकर निकलने की कोशिश करते देखे जा सकते हैं।जनसंगठन के संयोजक विशाल केलकर ने भी तख्ती थामे एक वीडियो तैयार किया है, जो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा। इसमें उन्होंने अपनी तख्ती पर लिख रखा है कि दस का मुर्गा खाओगे तो ऐसे ही रोड पाओगे। इसमें उन्होंने चुनाव के दौरान मुर्गा देकर मतदाताओं को रिझाने के मामले का हवाला देकर आम लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है।कोयला खदानों वाले कोरबा शहर में जहां भारी वाहनों का दबाव रहता है।
ज्यादातर सड़कों की जर्जर दशा के लिए भारी वाहनों का चौबीस घंटे आवागमन भी एक बड़ा कारण है। पर उनकी मरम्मत या नवनिर्माण की बजाय एसईसीएल प्रबंधन केवल माल ढुलाई का ध्यान रखने में व्यस्त रहता है। जबकि मार्गों का ध्यान रखने एसईसीएल की सर्वाधिक जिम्मेदारी बनती है। कोयला परिवहन के अलावा विभिन्ना क्षेत्रों में खनिज व अन्य सामानों की ढुलाई के लिए भारी वाहनों का आवागमन सड़कों की दशा बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है। दूसरी ओर सड़कों के मामले में विभागीय उदासीनता, लापरवाही और अनदेखी भी लोगों की परेशानी का कारण बन रही।