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बिजली विभाग के उदासीनता के चलते बीते 3 दिनों से अंधेरे में काटने को मजबूर हुए इस क्षेत्र के ग्रामीण…विभाग मौसम के चलते लाइन खराब होने का दावा .

बालोद-जिला मुख्यालय से लगे ग्राम मेढ़की बधमरा सहित दर्जनों गांवों में पिछले तीन रातों तक बिजली बंद रही। शुक्रवार की रात 11 बजे से लेकर दूसरे दिन शनिवार को सुबह 9 बजे बिजली आई जिसके कारण ग्रामीणों को रात के अंधेरे में रहकर और उमेश भरी गर्मी व मच्छरों के आतंक से परेशान रहे।बता दे इन गांवों में बुधवार,गुरुवार और शुक्रवार की रात को बिजली बंद रही।बिजली बंद को लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखी जा रही है और कभी भी विधुत मंडल के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर सकते हैं। वही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा हवा तूफान में बिजली तार टूटने के कारण बिजली बंद होने की बाते कहकर हमेशा की तरह पलड़ा झाड़ते नजर आए। शुक्रवार की रात 10 धंटे तक बिजली बंद होने से ग्रामीण खासे परेशान हो गए है, बिजली नहीं होने के कारण बोर बंद हो गया जिससे नलों में पानी नही आया और इसके वजह से ग्रामीणों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ा। ग्रामीण अंचलों मे पिछले तीन रातों तक बिजली बंद होने से ग्रामीणों को गर्मी व मच्छर के कारण रात भर नही सो पाए थे, दिन हो रात में भी घंटों बिजली गुल रहती है। जबकि न आंधी तूफान आ रहा है और न ही बारिश हो रही है। उसके बाद भी बार-बार बिजली गुल होना गंभीर समस्या बन गया। एक ओर छत्तीसगढ़ बिजली में सरप्लस है उसके बाद भी अंचल में अघोषित बिजली कटौती। अंचल में बिजली कटौती से पानी की भी समस्या निर्मित हो जा रही है। सुबह-सुबह बिजली गुल होने से पेयजल एवं नित्यकर्मों के लिए पानी की समस्या गंभीर रूप से बनी हुई हैं। विद्युत कार्यालय में कोई जवाबदार अधिकारी नहीं रहते और मिलते भी है तो हमेशा की तरह लोड सेटिंग का कारण बताते हैं या फिर ऊपर से बंद है बताते है,

बिजली बंद से परेशान हो गए हैं ग्रामीण

ग्रामीण अंचलों में लगातार बिजली बंद होने से लोग परेशान हो गए हैं।विधुत विभाग द्वारा मेंटेन्स के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।वही ग्राम मेढ़की में आए दिन ट्रांसफार्मर में लगे फ्यूज उड़ने की शिकायत मिलने के बाद विभाग द्वारा कोई ध्यान नही दिया जाता हैं।
ग्राम मेंंढकी के लक्ष्मीनारायण गजपाल ने बताया कि ग्रामीण अंचलों में पिछले तीन रातों तक बिजली बंद हो रही है। जिसके कारण लोग काफि त्रस्त हो गए है, शुक्रवार की रात 11 बजे बिजली को बंद हो गया जो सुबह 9 बजे बिजली आई थी, लक्ष्मीनारायण साहू ने बताया कि ग्रामीण अंचलों में पिछले लंबे समय से बिजली की समस्या से झेल रहे हैं, बिजली विभाग द्वारा शहर और ग्रामीण में भेदभाव किया जा रहा है,एक और शहर में बिजली रहती है वही दूसरी ओर ग्रामीण अंचलों में बिजली बंद रहती हैं,जिससे ग्रामीणों को उमस भरे गर्मी से परेशान होना पड़ रहा है, बधमरा के ग्रामीण यशवंत साहू ने बताया की पिछले कई माह से बालोद फीडर से काटकर सुंदरा फीडर में मेढ़की ,बधमरा,ओरमा,खरथुली के लाइन को जोड़ दिया है जिसके कारण आए दिन बिजली की समस्या उतपन्न हो रही हैं, ग्रामीणों ने बिजली के अधिकारी से बात किया तो उन्होंने बताया कि बालोद शहर में लोड बढ़ गया था जिसके कारण ग्रामीण अंचलों के कुछ गांवों को शहर से काटकर सुंदरा फीडर में जोड़ने की बाते कही गई, मेढ़की ,बधमरा व ओरमा के ग्रामीणों ने सुंदरा फीडर को काटकर बालोद फीडर से जोड़ने की मांग विधुत विभाग से किया ,यदि जल्द ही बालोद फीडर से लाइन नही जोड़ा गया तो ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी शासन प्रशासन को दी है।

 

आंधी तूफान और बारिश से जगन्नाथपुर के पास तार टूट गया था,जिसके कारण रात को बिजली बंद रही। टीएल सहारे कार्यपालन अभियंता विधुत मंडल बालोद

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