बालोद– बालोद जिले के खरखारा से मोहन्दीपाट जीरो से 17 किलोमीटर पर का नहर लाइनिंग का कार्य जारी है 24 करोड़ के इस निर्माण कार्य में सुरुवात से ही भ्रष्टाचार सामने आने लगा है जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री निवास तक पहुच चुकी है आप को बता दे कि 17 किलोमीटर के बनने वाले इस नहर लाइनिंग का कार्य महज अभी 6 किलोमीटर ही तक किया गया है इतने में ही कई तरह के निर्माण कार्य में अनियमितता सामने आने लगी हैं वहीं निर्माण किए गए नहर लाईनिंग की सीमेंट अभी से तड़कने लगा है तो गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगा है
दरअसल इस निर्माण कार्य के लिए टेंडर की राशि से 7 प्रतिषत कम में इस टेंडर को लिया गया है इतना ही नहीं इस टेंडर को लेने के लिए ठेकेदार ने सूबे के जल संसाधन मंत्री का भी पहचान बताया है यह कहा जा सकता है कि मंत्री की पहचान बताकर टेण्डर लिया गया है वहीं अब उसी पहचान का हवाला देकर दबंगई के साथ इस नहर लाइन के कार्य में भ्रष्टाचार किया जा रहा है इस नहर के बनने की वजह से किसानों को राहत मिलेगी लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से यह नहर लाइन निर्माण के बाद से ही खराब होने लगेगा गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े होने लगेंगे हैं
*निर्माण की प्रमुख खामियां*
इस कार्य मे पानी और सीमेंट की कमी की वजह से दरार आने लगा है जो इस लाईनिंग की मजबूती पर सवाल खड़ा करता है पूरे काम मे सीमेंट भी कम दिख रहा है कंपेक्शन का काम ही नही किया गया है वही स्लीपर कम बनाया गया है जिससे मजबूती नही आएगी मुरम भी काफी लूज है निर्माण से पहले मरम्मत का काम ही नही किया गया है।
पूरे निर्माण में बड़ी बात ये है कि चौड़ाई के हिसाब से ढलाई कम की गई है। जो भ्रस्टाचार को साफ दिखता है जो झिल्ली लगाई जा रही है वो हल्की क्वालिटी की है साथ ही तराई काम भी नही हो रहा है तो वही पूरा निर्माण कार्य ठेकेदार के साइड सुपरवाइजर के भरोसे है यानी कि विभाग ने ही भ्रष्टाचार की छूट दे रखी है
*पूरे काम जी उच्च स्तरीय जांच जरूरी,,ईई को नही कोई मतलब*
इस निर्माण कार्य की जांच होना बेहद जरूरी है जिस उद्देश्य से की इस नहर लाइन के बनने से किसानों को सिंचाई के मामले में काफी राहत मिलेगी मगर इस निर्माण कार्य को देखकर यह नहीं लगता कि यह नहर लाइन ज्यादा दिन तक टिक पाएगा ऐसे में इस नहर लाइन की जांच होना बेहद जरूरी है क्यो की जिस ईई के सुपरविजन में यह निर्माण कार्य चल रहा है उन्हें अपने कमरे से बहार आकर इस कार्य की गुणवक्ता देखने की फुर्सत नही है वही जब पत्रकार इस मामले को लेकर ईई के पास गए तो उल्टा ही जवाब मिला कि काम करना गुनाह है यानी कि अब भ्रष्टाचार की बात भी अधिकारी सुनना नही चाहते
*कार्य मे 10 साल की गारंटी है ,,,पूरा कार्य गुणवक्ता वाला है आप पत्रकार लोगो को तो सब उल्टा नजर आता है कम करना भी क्या गुनाह है-एसके टीकम ईई जलसंसाधन विभाग बालोद
पूरे काम को ईई देखते है फिर भी आप जो बोल रहे है निरीक्षण कर ही कुछ बता पाऊंगा-एस के जार्ज एसई जलसंसाधन दुर्ग संभाग