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बालोद।बालोद शहर के वार्ड 15 निकुंज धाम आम बगीचा पर आयोजित श्री इंद्राक्षी शतचंडी महायज्ञ व श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ के अवसर पर मंगलवार को गाजे बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में भारी संख्या में महीला पुरूष श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। कलश यात्रा यज्ञस्थल आम बगीचा से आरंभ होकर दल्ली रोड,परशुराम चौक,गंगासागर तालाब के पानी को कलश में भरने बाद पुनः जयस्तंभ चौक, घड़ी चौक दल्ली तिराहा, नया बस स्टेंड से होते हुए यज्ञ स्थल पुहचा जहां विधि विधान के साथ पूजन अर्चन हुआ।कलश यात्रा कार्यकम स्थल पहुंचने पर बालिकाओं ने यज्ञ शाला की परिक्रमा की व यजमानों की ओर से कुमारी पूजन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी कन्याओं का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया गया। पहले दिन पंडितों की ओर से दुर्गाशप्तशति के पाठ किए। दोपहर बाद हवनात्मक यज्ञ शुरू किया गया। जिसमें यजमानों की ओर से आहुतियां दी गई।कलश यात्रा में श्रद्धालु हर हर महादेव, जय श्री राम, जय माता दी के गगनचुंबी नारां से समूचा नगर भक्तिमय हो उठा।
विश्व कल्याण, सुख समृद्धि, शांति व भाईचारे की भावना को लेकर शुरू किए गए 09 दिवसीय अनुष्ठान
कन्हैयालाल साहू द्वारा आयोजित श्री इंद्राक्षी महायज्ञ और श्रीमद् भागवत कथा मंगलवार को शतचण्डी महायज्ञ शुरू किया गया। विश्व कल्याण, सुख समृद्धि, शांति व भाईचारे की भावना को लेकर शुरू किए गए इस 09 दिवसीय अनुष्ठान में यज्ञशाला में दुर्शाशप्तशति के पाठ के साथ हवनात्मक यज्ञ किया गया। इस दौरान हवनकुण्ड में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दी गई।
पंडित द्वारा नगर के देवी देवताओ की विशेष पूजा अर्चना कर किया गया आव्हान
कलश शोभायात्रा के बाद पंडित राजेश तिवारी ने वेदी व नगर के देवी देवताओ की विशेष पूजा अर्चना कर आव्हान किया गया।आयोजक द्वारा पंडित राजेश तिवारी के व्यास पीठ पर आसन होने के बाद माल्यार्पण कर शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया । श्रीमद् भागवत के द्वितीय दिवस 22 जनवरी को नाम संकीर्तन यज्ञ परिक्रमा होगा। 25 जनवरी को गजेंद्र मोक्ष, श्रीराम एवं कृष्ण जन्मोत्सव, 26 को महारास, दही लूट एवं रुक्मिणी विवाह, 28 को परीक्षित मोक्ष, श्रीमद् भागवत चढ़ोतरी, 29 को गीता हवन, तुलसी वर्षा होगी। प्रवचन का समय दोपहर 1:30 बजे से हरी इच्छा तक होगा।
जगदम्बा के सभी रूपों का किया गया आह्वान
भागवत व्यास,मानस किंकर लोधी खपरी साजा निवासी पंडित राजेश कुमार तिवारी
ने बताया कि जब देवताओं व राक्षसों की ओर से किए गए समुंद्र मंथन के दौरान महालक्ष्मी प्रकट हुई, तब सबसे पहले उसका शतचण्डी यज्ञ के साथ महर्षि पूजन किया गया तथा मलमास के दौरान मकर सक्रांति के मौके पर भारत खण्ड के स्वयंभू प्रथम मानव महर्षि मनु ने सबसे पहले महालक्ष्मी का शतचण्डी यज्ञ के साथ पूजन किया। इसलिए इस यज्ञ का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। जगदम्बा के सभी रूपों का आह्वान किया किया गया।
9 दिन तक चलेगा यज्ञ
भागवत व्यास राजेश तिवारी ने बताया कि यह महायज्ञ 29 जानवर तक चलेगा। जिसमें पाठात्मक यज्ञ के साथ हवनात्मक यज्ञ आयोजित किया जाएगा। इस महायज्ञ में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की ओर से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दी जाएगी। 29 जनवरी को आरती, देवविसर्जन के साथ इस महायज्ञ की पूर्णाहुति की जाएगी।