बालोद। बालोद नगर पालिका चुनाव के मद्देनज़र दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, पूरी तैयारी में जुट गई हैं। भाजपा व कांग्रेस के कई ऐसे पुरूष कार्यकर्ता जो अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर तैयारी शुरू कर चुके थे उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। खासतौर पर अध्यक्ष पद के लिए टिकट की दौड़ ने चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है। शहर के विकास, जनता के मुद्दों और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इन पार्टियों से कई उम्मीदवारों के नामो की चर्चा होने लगी है। काग्रेस जो लंबे समय से बालोद नगर पालिका में प्रभावी रही है, इस बार भी अध्यक्ष पद को लेकर कई मजबूत दावेदारों के नाम चर्चा में हैं। काग्रेस का ध्यान इस बार जातीय समीकरणों पर केंद्रित है, ताकि जनता का भरोसा तीसरी बार जीता जा सके।
हालांकि काग्रेस पिछले 10 साल तक नगर पालिका के सत्ता में काबिज रही लेकिन इन 10 सालो कोई बड़ा उपलब्धि नहीं दिखाई दे रही है। वहीं भाजपा अपनी आपसी गुटबाजी और खींचतान से पिछले 10 साल से नगर पालिका के सत्ता से बाहर है। आपको बतादे भाजपा के दिग्गज नेताओ के बीच चली आ रही आपसी खींचतान और सारे गिले सीकवे को छोड़कर यदि भाजपा उम्मीदवार को जीताने के लिए मैदान में उतर जाए तो भाजपा की जीत हो सकती है।
16 को लग सकती है आचार संहिता
बता दे कि नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा होना अभी बाकि है, संभावना है कि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 15 जनवरी को होने के पश्चात् ही चुनाव की घोषणा होगी । अनुमान यह लगाया जा रहा है 16 जनवरी को चुनावी तारीख की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू हो सकती है।वहीं इस बार अध्यक्ष व पार्षदों का पृथक पृथक मतदान होगा। एक मतदाता को दो मत देने होंगे।
टिकट की दौड़ में कौन कौन शामिल होंगे इस पर होने लगी है चर्चाएं
पालिका अध्यक्ष पद पर सामान्य महिला से राजनीतिक दलों द्वारा किसे उम्मीदवार बनाया जाएगा व टिकट की दौड़ में कौन कौन शामिल होंगे इस पर चर्चाएं होने लगी है। नगरीय निकाय बालोद का अध्यक्ष पद सामान्य महिला होने के कारण महिला उम्मीदवारों की संख्या अधिक हो सकती है। उक्त चुनाव दलीय आधार पर होंगे इस कारण राजनीतिक दलों से अध्यक्ष व पार्षदों के उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी। उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने का आधार क्या होगा, यह राजनीतिक दलों पर निर्भर करता है परन्तु वर्तमान समय में चर्चाओं के कयास में जो हवाएं चल रही है उसमे भाजपा से मुख्य दावेदारों में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष लीला शर्मा, प्रतिभा चौधरी, मोना टुवानी, नीतू सोनवानी के साथ ही संगठन से जुड़ी अन्य महिला भी दावेदारी कर सकती हैं। इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी से मुख्य दावेदारों में पद्मनी नन्नू साहू, दिप्ती बंटी शर्मा, के साथ ही पार्टी से जुड़ी अन्य महिलाएं भी दावेदारी कर सकती हैं वहीं स्वतंत्र महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में होंगे जो राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
दोनो दलों से नए नाम पर भी चर्चा
दोनो ही प्रमुख दलों में राजनीति में सक्रिय महिला उम्मीदवारों की नाम चर्चा में है लेकिन अभी सियासी गलियारों में कुछ ऐसे महिला उम्मीदवारों के नाम सामने आ रहे है जिनकी भी चर्चा दबी जुबान की जा रही है कांग्रेस से वर्तमान नपाध्यक्ष की धर्मपत्नी के अलावा नगर के एक प्रतिष्ठित ईंधन कारोबारी, के नाम चर्चा पर है तो दूसरी तरफ भाजपा से भी इसी तरह भाजपा नेताओ पूर्व नपाध्यक्ष के धर्मपत्नी को सामने लाने की चर्चा है तथा नगर के एक बड़े किराना व्यवसाई तथा नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके भाजपा नेता की भी धर्मपत्नी के नाम की सुगबुगाहट प्रारंभ हो चुकी है। बहरहाल प्रदेशरुचि किसी के नामो की पुष्टि नहीं करती ।
बालोद पालिका में प्रथम संशोधन के पश्चात् कुल 20811 मतदाता
ज्ञात हो कि नगरीय निकाय बालोद में प्रथम संशोधन के पश्चात् कुल 20811 मतदाता हैं
जिसमें महिला मतदाता 10957 व पुरूष मतदाताओं की संख्या 9854 है वहीं वर्तमान में मतदाता पुनरीक्षण संशोधन का कार्य चल रहा है जिसका अंतिम प्रकाशन15 जनवरी को किया जाएगा जिसमें मतदाताओं की संख्या में और वृद्धि होगी।
2014 में काग्रेस ने भाजपा को हराया
जानकारी के अनुसार 2014 के बालोद नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद पर काग्रेस के प्रत्यासी विकास चोपड़ा के हाथो मिली शिकस्त ने भाजपाईयो को अंदर तक हिला दिया था।इस चुनाव में निर्दलीय रहे यज्ञदत्त शर्मा ने भाजपा के टिकिट लेकर चुनाव लड़े थे ।यज्ञदत्त शर्मा ने 1999 के नगर पालिका चुनाव में निर्दलीय चुनाव जीते थे जिसके बाद से उनके द्वारा नगर में विभिन्न विकास कार्य कराए गए थे जिसके लेकर प्रदेश में चर्चा विषय बन गया था । 2014 के नगर पालिका चुनाव में काग्रेस के विकास चोपड़ा और भाजपा से यज्ञदत्त शर्मा के बीच कड़ा मुकाबला में काग्रेस ने लगभग 365 मतो से भाजपा को हराया था।ऐसे में फरवरी के अंतिम में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव से पहले लोकसभा में बालोद शहर से लगभग 4 हजार से अधिक मतो से अजेय बढ़त से भाजपा के हौसले बुलंद हैं वहीँ काग्रेस को नए सिरे से रणनीति बनाने पर विचार करने के लिए विवश हैं।जानकारी के अनुसार 1999 में नगरीय निकाय चुनाव गैरदलिय आधार पर हुए थे जिसमे यज्ञदत्त शर्मा ,यशवंत जैन,रामजी भाई पटेल,मोहन पटेल,पुरुषोत्तम पटेल,अशोक कश्यप,सहित बड़ी सख्या में उमीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य अजमाए थे इस चुनाव में यज्ञदत्त शर्मा ने यशवंत जैन को मामूली अंतर से हराया था। इस दौरान राज्य में काग्रेस की सरकार थी जिसके बाद भी यज्ञदत्त शर्मा ने बालोद शहर का जो विकास किया हैं जो आज भी लोग याद करते हैं।
बतादे 2004 में बालोद नगर पालिका आरक्षण में पिछड़ा वर्ग होने के कारण यज्ञदत्त शर्मा चुनाव नही लड़ सके इस दौरान उन्होंने अपने समर्थक विनोद कौशिक को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारा,इस चुनाव भाजपा से राकेश यादव,काग्रेस से रामजी भाई पटेल चुनाव मैदान में थे।इस चुनाव में भाजपा और निर्दलीय के बीच मुकाबला था ।भाजपा के राकेश यादव ने कड़ी टक्कर देते हुए निर्दलीय प्रत्यासी विनोद कौशिक को लगभग 3 सौ से अधिक मतो से हराया था। 2009 के बालोद नगर पालिका चुनाव में भाजपा से लीला शर्मा,काग्रेस से संगीता शर्मा और स्वाभिमान मंच से अनुपमा योगी के बीच मुख्य मुकाबला हुआ था जिसमे भाजपा के लीला शर्मा ने काग्रेस के संगीता शर्मा को लगभग 12 सौ से अधिक से हराया था ।