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बालोद।छत्तीसगढ़ पंचायत राज एवं नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश 2024 में संशोधन कर ओबीसी को संख्या के बराबर आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर ओबीसी महा सभा के अध्यक्ष राधेश्याम के नेतृत्व में रविवार को नया बस स्टेंड स्थित टैक्सी स्टैंड में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।ओबीसी महा सभा के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम ने बताया कि छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश 2024 (क्रमांक 5 सन 2024) द्वारा प्रकाशित राजपत्र में मूल अधिनियम की धारा 11 की उप-धारा (दो), धारा 11 क का उप-धारा (1) के अधीन अनुसूचित जातियों तथा / अथवा अनुसूचित जनजातियों का कुल आरक्षण 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक होने की स्थिति में अन्य पिछड़े वर्ग के लिए स्थान आरक्षित नहीं किए जाने का उल्लेख है।
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2024 (क्रमांक 3 सन 2024) छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 765 में मूल अधिनियम की धारा 13 की उप-धारा (4) के खंड (दो), मूल अधिनियम की धारा 23 की उप-धारा (3) के खंड (दो), धारा 25 की उप-धारा (2) के खंड (दो), धारा 30 की उप-धारा 3 के खंड (दो) एवं मूल अधिनियम की धारा 32 की उप-धारा (2) के खंड 2 के स्थान पर प्रतिस्थापित क्रमशः ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत एवं राज्य में यदि अनुसूचित जातियों और/अथवा अनुसूचित जनजातियों के लिए 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक स्थान आरक्षित हो, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं किए जाने का उल्लेख है जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों के साथ अन्याय है। चूंकि अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत ओबीसी समुदाय भी सामाजिक एवं शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ा है। संविधान के अनुच्छेद 16(4) में उचित आरक्षण का प्रावधान है एवं 50 प्रतिशत की सीमा निर्धारित नहीं है। 50 प्रतिशत सीमा निर्धारण संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्णय में यह सिद्धांत भी प्रतिपादित किया गया है कि किसी क्षेत्र में निवासरत दूरस्थ क्षेत्र के व्यक्तियों की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा को शिथिल कर सीमा बढ़ाई जा सकती है। राधेश्याम ने बताया कि ओबीसी समुदाय छत्तीसढ़ शासन से मांग करती है कि यदि ओबीसी आरक्षण में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकती तो पूर्व से प्राप्त आरक्षण को कम भी न करें। 3 दिसंबर 2024 को पारित अध्यादेश को संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के अनुरूप अन्य पिछड़ा वर्ग को समुचित आरक्षण दिया जावे। अन्यथा ओबीसी महासभा चरणबद्ध उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिनकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। धरना प्रदर्शन में चंद्रेश हिरवानी,यज्ञदेव पटेल,पवन साहू, खिलेश्वरी, ओमप्रकाश साहू सहित बड़ी सख्या में ओबीसी महा सभा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल रहे।