बालोद।जिले के धान खरीदी केंद्रों में शुरुआती दौर से ही परिवहन की समस्या आने लगी है। जिले के 143 केंद्रों में से 88 केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान खरीदी हो चुकी है।इन केंद्रों में 09 लाख 95 हजार 386.49 क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। जिससे केंद्रों में जाम की स्थिति है।आने वाले सप्ताह में जिले के खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में खरीदी और तौल बंद करनी पड़ेगी। प्रतिदिन 2 से 3 हजार क्विंटल धान की आवक केंद्रों में होती है। यही हाल रहा तो धान रखने किसी भी केन्द्र में जगह नहीं बचेगी। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा।
जिले के 88 केंद्रों में बफर लिमिट पार
ऐसे में इन केंद्रों में धान खरीदी करने में समस्या आ रही है। केंद्रों में धान को रखने के लिए पर्याप्त चबूतरे नहीं हैं। वहीं ड्रेनेज भी केंद्रों में लिमिट के आधार पर ही बनाया गया है। बफर लिमिट बढ़ने से अब समिति प्रभारियों की परेशानी बढ़ गई है। बालोद जिले के खरीदी केंद्रों क्षमता से दोगुना अधिक धान रखा हुआ है। मार्कफेड की ओर से परिवहन शुरू नहीं किया है जबकि केंद्रों में रोजाना लगभग 01 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है।जिले के 88 खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से पार हो गया है। इन केंद्रों में 09 लाख 95 हजार 386.49 क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है।परन्तु परिवहन अभी तक शुरू नहीं हुआ है। वही डीएमओ द्वारा दिसंबर के प्रथम सप्ताह में परिवहन शुरू होने का आश्वासन दे रहे है। जिले में 122 समितियों के 143 धान खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी हो रही है। मात्र दिन में ही 10 दिन में 14 लाख 46 हजार 980.40 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है।
10 दिनों में 14 लाख 46 हजार 980.40 क्विंटल धान की खरीदी
बालोद जिले के 143 केंद्रों में समर्थन मूल्य पर दसवें दिन शुक्रवार को 10 लाख 46 हजार 980.40 किवंटल धान खरीदी हुई।जिसकी पुष्टि जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक ने की है। 10 दिनों में 143 केंद्रों के 33 हजार 683 किसानों ने धान खरीदी केंद्रों में धान बेचा हैं।
चार संग्रहण केंद्रों की जा रही है साफ सफाई
जिले में दो साल बाद जिले के धान संग्रहण केंद्रों को फिर से खोला जा रहा है। चार संग्रहण केंद्रों में धान का संग्रहण किया जाएगा, जिसके लिए साफ सफाई, भूसा से धान रखने चबूतरा बनाया जा रहा है। डीएमओ ने कहा कि समय पर काम पूरा हो जाएगा।जिले में कुल चार धान संग्रहण केंद्र हैं, जिसमें से धोबनपुरी, फुंडा, जगतरा व चिटौद शामिल है। इन संग्रहण केंद्रों में साफ-सफाई के साथ धान की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।