मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलम्पिक की तैयारियों की समीक्षा की*
*बस्तर क्षेत्र के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है आयोजन*
*गृह विभाग और खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है आयोजन*
*संभाग स्तरीय विजेता होंगे बस्तर के यूथ आइकॉन*
*नक्सल हिंसा में दिव्यांग व्यक्तियों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी खेल स्पर्धाएं होंगी आयोजित*
रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में बस्तर ओलंपिक 2024 के लोगो (प्रतीक चिन्ह) और मस्कट (शुभंकर) का अनावरण किया। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के दो प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बस्तर क्षेत्र के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने, बस्तर की खेल प्रतिभाओं को सामने लाने और बस्तर की जनता का शासन से मजबूत संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से 5 नवंबर से 10 दिसंबर तक बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित वर्चुअल बैठक में बस्तर ओलंपिक की तैयारी की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में अधिकारियों से खिलाड़ियों के रहने, भोजन, सुरक्षा और चिकित्सा की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बस्तर में पिछले 9-10 माह में शांति स्थापित करने में काफी हद तक सफलता मिली है, इसमें केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन युवाओं को समाज और विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बस्तर में खेल काफी लोकप्रिय हैं यही कारण है कि ओलंपिक खेलों के लिए अपेक्षा से अधिक 1 लाख 65 हजार से अधिक लोगों ने अपना पंजीयन कराया है, जो यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र के लोग भी शांति चाहते हैं और विकास की मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं। बस्तर के संवेदनशील क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में महिला-पुरूषों ने पंजीयन कराया है। इसमें महिलाओं और पुरुषों की संख्या लगभग बराबर है। महिलाएं भी विकास की मुख्य धारा में शामिल होना चाहती हैं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन उसकी गरिमा के अनुसार भव्यता के साथ किया जाए। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इन खेलों में अधिक से अधिक खिलाड़ियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुसार बस्तर को नई दिशा देने के उद्देश्य से इसका आयोजन किया जा रहा है।
*बस्तर ओलम्पिक 2024 का प्रतीक चिन्ह और शुभंकर बस्तर की परम्परागत पहचान को समाहित कर किया गया है तैयार*
*लोगो (प्रतीक चिन्ह)-* प्रतीक चिन्ह के बायीं एव दायीं ओर बस्तर क्षेत्र के ख्याति प्राप्त परम्परागत वाद्य यंत्र ‘तुरही’ को दर्शाया गया है। तुरही बस्तर क्षेत्र में मड़ई मेलों में देवी देवताओं के सम्मान में बजाई जाती है। गांव में सभी को सूचना देने हेतु भी इसका उपयोग किया जाता है। लोगो के मध्य में हिन्दी में ‘बस्तर ओलम्पिक 2024’ लिखा हुआ है, साथ में इस क्षेत्र के खिलाड़ियों को ओलम्पिक खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने हेतु ओलम्पिक खेल विधा खेल तीरदाजी, हॉकी, भारोत्तोलन, फुटबॉल एवं वालीबॉल के लघु चिन्ह को दर्शाया गया है। लोगो के नीचे की ओर बस्तर क्षेत्र में प्रलचित स्थानीय भाषा- बोली ‘गोंडी’ में ‘करसाय ता बस्तर बरसाय ता बस्तर’ का स्लोगन वाक्य लिखा गया है, जिसका हिन्दी में अनुवाद ‘खेलेगा बस्तर, बढ़ेगा बस्तर’ होता है।
*शुभंकर (मस्कट)-* बस्तर ओलम्पिक 2024 के शुभंकर में ‘वन भैंसा एवं पहाड़ी मैना’ को मुख्य रूप से दर्शाया गया है। वन भैंसा राज्य का राजकीय पशु तथा पहाड़ी मैना राजकीय पक्षी है। यह शुभंकर, वन्य जीव संरक्षण के उद्देश्य से तैयार किया गया है। राज्य के दंतेवाडा एवं बीजापुर जिले में वन भैंसा अधिक संख्या में मिलते हैं। बस्तर क्षेत्र के घने जंगलों एवं कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पहाड़ी मैना मुख्य रूप से पाई जाती है।
शुभंकर में राजकीय पशु ‘वन भैंसा’ को खेल परिधान (टी-शर्ट) में दर्शाया गया है। वन भैंसा के सींग पर बैठी खुशहाल ‘पहाड़ी मैना’ खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य को दर्शाता है।
*बस्तर ओलंपिक में इन खेलों में होंगी स्पर्धाएं*
बस्तर ओलंपिक में 11 खेल विधाओं के अंतर्गत खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन विकासखण्ड, जिला और संभाग स्तर पर किया जा रहा है। जिनमें एथलेटिक खेल में 100मी., 200मी. 400मी. दौड़, लंबीकूद, ऊंचीकूद, शॉटपूट, डिस्कस थ्रो, जैवेलिन थ्रो एवं रिले रेस, इस प्रकार नौ अलग अलग इवेंट में खिलाड़ी भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त तीरंदाजी इंडियन राउण्ड 30मी., 50मी., बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराते, कबड्डी, खो-खो, व्हॉलीबॉल एवं रस्साकसी खेल शामिल होंगे। हॉकी तथा वेटलिफ्टिंग सीधे जिला स्तर से प्रारंभ होगा, शेष सभी खेल विकासखण्ड स्तर से प्रतियोगिता होगी। रस्साकसी प्रदर्शनात्मक होगा, जो सीनियर वर्ग में महिलाओं के लिए आयोजित किया जाएगा। जूनियर वर्ग तथा सीनियर वर्ग में बालक, बालिका, महिला, पुरूष भाग लेंगे। नक्सल हिंसा में दिव्यांग व्यक्तियों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के विशेष प्रोत्साहन हेतु सीधे संभाग स्तर पर उनकी खेलों में प्रतिभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि विकासखण्ड स्तर से लेकर संभाग स्तर पर आयोजन समितियों का गठन किया जा चुका है। सभी संबंधित विभागों ने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। राजधानी से लेकर बस्तर संभाग मुख्यालय, जिला मुख्यालयों तथा विकासखण्डों में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है, ताकि बस्तर क्षेत्र के अधिक से अधिक युवा इसमें भाग ले सकें। विकासखण्ड स्तर एवं जिला स्तरीय आयोजन के संपूर्ण आयोजन सहित संभाग स्तरीय आयोजन की सभी प्रारंभिक तैयारियां कर ली गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि विकासखण्ड स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं शील्ड/मोमेंटो प्रदाय किए जाएंगे। जिला स्तर एवं संभाग स्तर पर दलीय खेलों एवं व्यक्तिगत खेलों में प्रथम स्थान, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को नगद राशि पुरस्कार के साथ प्रमाण पत्र एवं शील्ड/मोमेंटो प्रदाय किये जाएंगे। नगद राशि पुरस्कार डी.बी.टी. के माध्यम से विजेता खिलाड़ियों के बैंक खाते में अंतरित किए जाएंगे। संभाग स्तरीय विजेता खिलाड़ी को ‘बस्तर का यूथ आइकॉन’ के रूप में स्थापित एवं प्रचारित किया जाएगा।
बैठक में एडीजीपी एस.आर.पी. कल्लूरी, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, संचालक तनुजा सलाम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी वर्चुअल रूप से बैठक में जुड़े।