बालोद।मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत दो किस्त जारी होने के बाद तीसरी किस्त नहीं होने से हितग्राहियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तीसरी किस्त नहीं मिलने से मकान निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। स्थिति यह है कि हितग्राहियों को नियमित
किश्त ही नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण वे आवास निर्माण का कार्य तो शुरू कर चुके हैं लेकिन नियमित किश्त नहीं मिलने से वे अपना मकान निर्माण का कार्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राशि नहीं मिलने से धर का निर्माण कार्य बीच में ही रुका
ग्राम ओरमा मेढ़की के हितग्राहियों ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अपने घरों का निर्माण किया जा रहा है। योजना के तहत प्रत्येक हितग्राही को ग्रामीण क्षेत्र में 01लाख 20 रुपये का भुगतान चार किस्तों में होना था। जिसमें हितग्राहियों को पहली दो किस्त का भुगतान हो चुका है, लेकिन तीसरी किस्त का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे उनके घरों का निर्माण कार्य बीच में ही रूक गया है। धर्मेंद्र साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें पहला किस्त 25 हजार रूपये और दूसरा किस्त 40 हजार रूपये का भुगतान हुआ है।अगस्त के बाद से अब तक तीसरे किस्त का भुगतान नहीं हुआ है। जिससे निर्माण कार्य रूक गया है। लोगों के द्वारा अपने कच्चे मकान को तोड़कर पक्का मकान बनाया जा रहा था, लेकिन वह भी अधूरा पड़ा हुआ है। हितग्राही ने बताया कि चार किस्तों में 01 लाख 20 हजार रूपये का भुगतान योजना के तहत मकान निर्माण के लिए होना है, लेकिन दो किस्त के भुगतान के बाद तीसरी किस्त जारी नहीं हुई है।
सीएम आवास योजना की तीसरी किश्त के लिए जनपद कार्यालय का चक्कर काट रहे हितग्राही
मुख्यमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को अपने हक की किस्तों के लिए लगातार परेशान होना पड़ रहा है। किस्त समय पर नहीं मिलने से हितग्राही मकान का सपना भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कर्ज लेकर आवास निर्माण कराने के बाद उसमें रह रहे हितग्राहियों पर कर्ज वापसी के लिए लेनदारों का दबाव निरंतर बढ़ रहा है। ऐसे परेशान हो चुके हितग्राहियों की आंखें छलक आती हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना में अधिकांश लोगों को पहली एवं दूसरी किस्त मिल गई है, अब तीसरी किस्त के लिए जनपद कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। हितग्राहियों को उम्मीद थी किस्त समय पर मिलती जाएगी तो देनदारियां चुका देंगे, लेकिन अब केवल 65 हजार रूपये की पहली और दूसरी किस्त ही मिल पाई है। हितग्राहियों ने सिर पर अपनी छत के सपने को साकार करने के लिए कर्ज ले लिया और निर्धारित समय में ही आवास निर्माण करवा दिया, लेकिन अब उनकी परेशानियां बढ़ रही हैं। कर्ज देने वालों ने वापसी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।जनपद पंचायत के चक्कर काट रहे है।