बालोद- बालोद जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रो में अवैध प्लाटिंग के कारोबार पर पिछले कुछ समय से अंकुश लगा हुआ था लेकिन बारिश खत्म होने के बाद इस त्योहारी सीजन में जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रो भूमाफिया फिर एक बार सक्रिय होने लगे है। शासन के नियमो को दरकिनार कर अवैध प्लाटिंग के कारोबार को अंजाम देने की जुगत में जुट चुके है। वही बालोद जिला मुख्यालय स्थित गंजपारा में महादेव भवन के पीछे जमीन कारीबारियो के द्वारा शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर लगभग डेढ़ एकड़ से अधिक जमीन धडल्ले से अवैध प्लांटिंग की है । जिसमे पूर्व में ही शिकायत के बाद तात्कालिक एसडीएम एवं बालोद नगर पालिका द्वारा अवैध प्लाटिंग नियम के उलंघन का बोर्ड चस्पा किया था । लेकिन बारिश के मौसम खत्म होते ही मौके से प्रशासन द्वारा लगाए बोर्ड को घुमाकर ग्राहकों को भ्रमित किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस प्लाट को टुकड़ों में बिक्री की तैयारी की जा रही है ।
नगर के कई कालोनियों में आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित
आपको बतादे नगर में ऐसी कई कालोनियां हैं जिनके अवैध प्लाटिंग के मामले विभागों में लंबित है। एमपी़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) के नियमानुसार किसी भी कालोनाइजर को जमीन की प्लाटिंग करने से पहले रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके अलावा प्लाट बेचने से पहले वहां जन सुविधाओं से जुड़ी चीजें नाली, सड़क, बिजली व पानी का इंतजाम, सीवर, खेल मैदान आदि की सुविधा उपलब्ध कराएगा। नगर की कई कालोनियां आज भी इन मूलभूत सुविधा से वंचित हैं।
अवैध प्लाटिंग पर कोई ठोस कदम नहीं
जमीन दलालों के वायदे और झूठे कागजात के फेर में फंसकर जमीन व मकान खरीदने वाले लोगों को बाद में खामियाजा भुगतना पडता है। भूमाफियाओं के झांसे में आए लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड रहा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन जिले में तेजी से बढ रहे अवैध प्लाटिंग के कारोबार को रोकने कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। यही वजह है कि कृषि भूमि पर तैयार हो रही इमारतों की अनुमति को लेकर कोई छानबीन नहीं की जा रही है।
बालोद जिला मुख्यालय के गंजपारा सहित आसपास में फिर जमीन दलालों के फिर एक बार सक्रियता और अवैध प्लाटिंग में आ रही तेजी के मामले को लेकर बालोद एसडीएम प्रतिमा ठाकरे ने कहा कि गंजपारा सहित कुछ जगहों पर अवैध प्लाटिंग की शिकायत उन्हें मिली थी जिसके बाद उनके द्वारा तहसीलदार और पटवारी को मौका निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने कहा गया है । ताकि आगे कार्यवाही की जा सके।