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27 सितंबर को छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज रहेगा ठप…..शासकीय अधिकारी-कर्मचारी करेंगे हड़ताल

बालोद।चुनाव के दौरान घोषित मोदी की गारंटी लागू नहीं होने से नाराज प्रदेश के शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों ने आंदोलन का ऐलान किया है। प्रदेशभर के शासकीय अधिकारी-कर्मचारी इसके विरोध में 27 सितंबर को कलम बंद-काम बंद-तालाबंद हड़ताल करेंगे।इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संबद्ध 112 संगठनों अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर झन करव इन्कार,हमर सुनव सरकार के तहत चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया है ।छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को स्थानीय सर्किट हाउस में इस आंदोलन की रणनीति तैयार की।

 

 

फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बैठक कर आंदोलन की रणनीति तैयार की

 

बालोद जिला के सर्किट हाउस में कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई जिसमें कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से जुड़े सभी संगठनों के जिला अध्यक्ष उपस्थित रहे इस बैठक में आगामी 27 सितंबर को होने वाले एकदिवसीय हड़ताल की कार्य योजना बनाई गई बैठक में जिला संयोजक द्वारा पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा बताई गई एवं अधिक से अधिक संख्या में सभी संगठनों के कार्यकर्ता व पदाधिकारी इस हड़ताल में सम्मिलित हों यह प्रयास करने को कहा गया शासन से अपने जायज मांग केंद्र के सम्मान महंगाई भत्ता सहित अन्य मांगों को लेकर यह हड़ताल किया जाएगा इसके समर्थन में कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सभी संगठनों के जिला अध्यक्ष ने अपनी सहमति प्रदान की है और 27 सितंबर को अधिक से अधिक संख्या में हड़ताल का आवेदन कर हड़ताल स्थल पर उपस्थित होने का आग्रह किया है

 

 

शासकीय अधिकारी और कर्मचारी 27 सितंबर अवकाश की कर चुके है घोषणा

 

आगामी 27 सितंबर को छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप रहेगा, क्योंकि शासकीय अधिकारी और कर्मचारी इस दिन अवकाश की घोषणा कर चुके हैं. इस निर्णय के बाद लोगों में हलचल मच गई है. यदि किसी को सरकारी दफ्तरों से संबंधित आवश्यक कार्य हैं, तो उन्हें 27 सितंबर से पहले निपटा लेना चाहिए। कर्मचारियों ने इस अवकाश का कारण मोदी द्वारा की गई गारंटी के पूरे न होने को बताया है।चुनाव के दौरान घोषित मोदी की गारंटी लागू न होने से नाराज सरकारी कर्मचारी आंदोलन की योजना बना रहे हैं।प्रदेशभर के सरकारी अधिकारी और कर्मचारी 27 सितंबर को कलम बंद, काम बंद, और तालाबंद हड़ताल का ऐलान कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के जिला सयोजक मधुकांत यदु ने बताया कि इस आंदोलन की रणनीति तैयार की. जानकारी के अनुसार, जिले के अधिकारी और कर्मचारी मोदी की गारंटी के तहत किए गए वादों को पूरा न करने पर 27 सितंबर को जिला मुख्यालय के नया बस स्टेंड पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

 

 

क्या है अधिकारियों और कर्मचारियों की मांगें

 

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक मधुकांत यदु ने बताया कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाए, वर्ष 2019 से लंबित डीए की राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाए, चार स्तरीय वेतनमान की मांग की जाए, और अवकाश नगदीकरण को 240 दिनों के बजाय 300 दिनों तक स्वीकृत किया जाए. इन चार मुद्दों के समर्थन में 27 सितंबर को कलम बंद, काम बंद और तालाबंद हड़ताल आयोजित की जाएगी. फेडरेशन ने जिले के अधिकारी और कर्मचारियों से 27 सितंबर को एक दिन का अवकाश लेकर नया बस स्टेंड स्थित टैक्सी स्टैंड सुबह 11 बजे सामूहिक प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। बैठक में मूलचंद शर्मा, अनुराग त्रिवेदी, परसुराम धरेन्द्र, राधेश्याम साहू वीरेन्द्र देशमुख, डी०एल सिन्हा, घनश्याम गोस्वामी, कृष्णा गोस्वामी मधुकांत यदु, गोविंददास मानिकपुरी। आए०एम० चावड़ा, जयराम निर्मकार लेखराज देवांगन, नरेश भुआर्यु, एम० आर० भण्डारी, डॉ भुवन, डॉ. के के ठाकुर, सुरेश शांडिल्य, एआर खान, देवेन्द्र हरमुख, अरविंद सिंह ठाकुर, संदीप दुबे, जीवेन्द्र सोनी सहित अन्य फेडरेशन के अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।

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