बालोद। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय आव्हान पर बुधवार को बालोद जिला इकाई ने मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग किया की केंद्र के समान मंहगाई भत्ता, 240 दिन के स्थान पर 300 दिनों का अवकाश नगदीकरण, पिंगुवा समिति अनुशंसा लागू करने, वेतन विसंगति, चार स्तरीय वेतनमान, परामर्शदात्री समिति की बैठक निर्धारित समयावधि में किया जाना, संधों की स्थायी मान्यता दिये जाने एवं अन्य स्थानीय मुद्दे शामिल है।
बुधवार को मुख्यमंत्री / मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को सौंपा गया। जिलाध्यक्ष गोविंद मानिकपुरी ने बताया गया की 22 जून 2024 कर्मचारी भवन गौरवपथ रायपुर में आयोजित जिला एवं संभागीय बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश की कर्मचारियों की ज्वलंत समस्यायों के निराकरण करने की मांग किया है। जिसमे प्रमुख रूप से केन्द्र के कर्मचारियों एंव पेंशनरों को वर्तमान में 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है. जबकि राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है फलस्वरूप केन्द्र शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक से महंगाई भत्ता में 4 प्रतिशत की वृद्धि की जावें ।केन्द्रीय कर्मचारियों एवं आविभाजित मध्यप्रदेश की भांति छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भी 240 दिन के स्थान पर 300 दिन का अवकाश नकदीकरण आदेश जारी किया जावें। पिंगुवा समिति का गठन शिक्षक/लिपिक, स्वास्थ एवं अन्य संवगों के कर्मचारियों की वेतन विसंगाति दूर करने हेतु की गई थी। समिति के अनुशंसा प्राप्त कर इन सभी संवगों के वेतन विसंगति सुथार हेतु शीघ्र सार्थक कार्यवाही किया जावें।लिपिकों के अनुकम्पा नियुक्ति में दिये गये शतों के पालन हेतु दक्षता परिक्षा 6 माह में आयोजित किये जाने संबंधी आदेश जारी किया जावें ताकि लिपिको को यथाशीघ्र लाभ प्राप्त हो सकें। अनियमित, दैनिक वेतनभोगी तथा कार्यभारित कर्मचारियों के नियमितीकरण संबंधी गठित समिति का प्रतिवेदन प्राप्त कर नियमितीकरण की कार्यवाही शीघ्र की जावें। प्रदेश के सभी संवगों के कर्मचारियों का लंबित पदोन्नति प्रक्रिया हेतु पुनश्च निर्देश जारी किया जावें। प्रदेश के सभी संवगों के अधिकारी/कर्मचारियों को सेवाकाल में 4 स्तरीय वेतनमान संबंधी आदेश शीघ्र जारी किया जावें। कर्मचारी समस्याओं के निराकरण हेतु आयोजित परामर्शदात्री समिति की बैठक निशारित समयावधि में किये जाने हेतु निर्देश पुनश्च जारी किया जावें। संघो को अविभाजित मध्यप्रदेश की भाति स्थाई मान्यता जारी किया जावें।
उपरोक्त कर्मचारी हितो की मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए यथाशीघ्र आदेश जारी करने की मांग शासन से किया है।