बालोद। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन रायपुर सीटू के आव्हान पर बालोद जिला के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एव सहायिका अपने 10 सूत्रीय मांग मांगो को लेकर बुधवार को स्थानीय नया बस स्टेंड में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम एडीएम पूजा बंसल को मांग पत्र सौपा गया। संगीता महत ने बताया कि पेंशन का भुगतान करने की 45 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशें लागू की जाएं। यह हर बजट पूर्व परामर्श में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की स्थायी मांग रही है, लेकिन केंद्र की सरकार ने सिफारिशों को लागू करने के बजाय, भारतीय श्रम सम्मेलन को बुलाना बंद कर दिया है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दो साल पहले फैसला दिया था कि आंगनवाड़ी कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार हैं। भारत सरकार ने अभी तक इसके लिए प्रावधान नहीं किया है। इन परिस्थितियों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स के बैनर तले आज देशव्यापी मांग दिवस के माध्यम से हमारे लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान करें और बजट आवंटन में बढ़ोतरी सुनिश्चित करने की मांग किया है।
10 सूत्रीय मांगें
10 सूत्रीय मांगो में आगामी बजट में आईसीडीएस के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जाए। पूर्ण बुनियादी ढांचे और अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन के साथ आईसीडीएस को मजबूत किया जाए। पर्याप्त संसाधनों के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्णकालिक आंगनवाड़ी सह क्रेच के रूप में विकसित किया जाए। आंगनबाड़ियों में प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई)/ स्कूल पूर्व शिक्षा घटक को मजबूत किया जाए। ईसीसीई/प्रीस्कूल औपचारिक शिक्षा प्रणाली का हिस्सा नहीं होना चाहिए। ईसीसीई का अधिकार आंगनवाड़ी केंद्रों को नोडल एजेंसियों के रूप में अधिनियमित किया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ग्रेड ।।। और ग्रेड IV सरकारी कर्मचारियों के रूप में नियमित किया जाए। नियमितीकरण होने तक, 45 वे श्रम सम्मेलन की सिफारिश लागू करें न्यूनतम वेतन 26000 रुपये प्रति माह, पेंशन 10000 रुपये प्रति माह, पीएफ, ईएसआई आदि। पूरे देश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए एक समान सेवा शर्ते लागू की जाएं। योजना कर्मियों के लिए तुरंत वेतन आयोग का गठन किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ग्रेच्युटी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तुरंत लागू किया जाए।आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लोकतांत्रिक और ट्रेड यूनियन अधिकारों को मान्यता दी जाए; सभी स्तरों पर द्विपक्षीय प्रणाली विकसित की जाए।आईसीडीएस का किसी भी रूप में निजीकरण न किया जाए। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और सेवाओं का कोई निजीकरण न किया जाए।श्रम कोड ख़त्म किए जाएं।
स्थानीय मांगे
सरकार से प्राप्त होने वाली ड्रेस की राशि दिया जाए प्रतिवर्ष जिससे गुणवत्ता पूर्ण साड़ी खरीदा जा सके। देश भर के सभी राज्यों कि तरह हमारे (छत्तीसगढ़) में पूर्ववत आंगनबाड़ी केन्द्र संचालन का समय 9 से 1 बजे किया जायें । धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से संगीता महंत,रंभा पवार,उतरा देवदास,धनेश्वरी दुबे,गिरजा सिन्हा,सुनीता मंडावी, पदमा पटेल, कामेश्वर,सविता टेकाम,खेमिन साहूसहित बड़ी संख्या में आंगन बाड़ी के कार्यकर्ता व सहायिका शामिल रहे।
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