बालोद-चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मंगलवार को जिले के प्रसिद्ध गंगा मैया मंदिर झलमला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन हुआ। इसके बाद देवी स्वरूपा लगभग 1100 से अधिक कन्याओं को भोज कराया गया। जिसके तहत महाष्टमी पर्व पर गंगा मैया मन्दिर प्रागण में देवी स्वरूपा 1100 से अधिक कन्याओ को भोज कराया ।इस आयोजन में कलेक्टर की धर्मपत्नी श्रीमती अनामिका सिंह चंद्रवाल , अंकाक्षा मेडम,उमा पटेल सहित अन्य अतिथियों द्वारा कन्याओ को खीर पूड़ी परोसा गया।इस दौरान श्रीमती चंद्रावल सहित अन्य अतिथियों द्वारा कतार बद्द बैठी कन्याओं को खीर पूड़ी परोस रही थी। गंगा मैय्या ट्रस्ट द्वारा सभी कन्याओ को उपहार स्वरूप स्टील की थाली दिया गया।इसी कड़ी में कन्या भोज में भी प्लास्टिक की सामग्री का उपयोग नहीं किया गया। स्टील की थाली, गिलास सहित अन्य बर्तनों का उपयोग किया गया।
उपहार में दिए स्टील का गिलास
इस दौरान विशेष बात यह रही कि कन्या भोज में शामिल विभिन्न स्कूलों के 1100 से अधिक कन्याओं को स्टील का थाली उपहार में दिया गया। वही कलेक्टर की धर्मपत्नी श्रीमती चंद्र्वाल द्वारा सभी कन्याओं को नगद 20.20 रूपये उपहार के रूप में दिया गया। मंदिर ट्रस्ट प्रमुख सोहनलाल टावरी ने बताया कि कन्या भोज में शामिल सभी कन्याओं को स्टील की छोटा धामा दिया गया। आंगनबाड़ी, सरकारी व निजी स्कूलो में पढ़ने वाली 1100 से अधिक बच्चियों को सामूहिक भोज में शामिल कर गिफ्ट दिया गया। नवरात्र पर यहां हजारों श्रद्धालु जिले सहित आसपास के जिलों से पहुंचते हैं। सैकड़ों बच्चियों को यहां कन्या भोज कराया गया।
गंगा मैया मंदिर में हवन पूजन में श्रद्धालुओं की रही भीड़
वहीं जिले के सबसे बड़ा धार्मिक स्थल गंगा मैया झलमला में भी पंडितों द्वारा मंत्रों उच्चारण कर हवन पूजन कर पूर्णाहुति दी गई ।हवन पूजन का कार्यक्रम दोपहर तक चला।कार्यक्रम में आसपास के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही । इसके अलावा शहर के चंडी मंदिर, महामाया मंदिर, कपिलेश्वर मंदिर, मोखला मांझी मंदिर, गंजपारा दुर्गा मंदिर, सिंचाई कालोनी दुर्गा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में हवन कार्यक्रम हुआ। हवन कार्यक्रम के बाद महाप्रसादी का वितरण हुआ। इसके अलावा ग्रामीण अंचलों में भी हवन विधि विधान से पूरा किया गया। रविवार को हवन कार्यक्रम के बाद शाम को देवी मंदिरों व पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। आस्था और विश्वास के प्रतीक नवरात्र में श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर मां दुर्गा से मनोकामना पूरी होने की कामना की। नवरात्र के अंतिम दिन सोमवार को ज्योति कलश, ज्वांरा विसर्जन किया जाएगा।
गर्भ गृह से निकलेगा जोत जंवारा
बुधवार को विधि विधान से वैदिक मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना कर मां गंगा मैया के गर्भ गृह से ज्योत जंवारा का विसर्जन यात्रा निकाली जाएगी। 51 कुंवारे लड़के अपने सिर पर जोत जंवारा कलश धारण कर बाजे-गाजे व देवी जस गीतों के साथ निकलेंगे और मां गंगा मैया के उद्गम स्थल बांधा तालाब में विसर्जित किया जाएगा।