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बालोद बालोद जिले के रेत खदान को लेकर चर्चा पूरे प्रदेश में बनी रहती है। जिले में रेत खदान संचालन को लेकर क्या सत्ता पक्ष और क्या विपक्ष कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता । लेकिन अब स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है सत्ता पक्ष में ही रेत खदान संचालन को लेकर आपसी द्वंद प्रारंभ हो चुकी है । बीती रात्रि को बालोद जिले के भैंसमुंडी गांव में रेत खदान पर कार्यवाही की चर्चा आज सियासी गलियारों में भी गूंजने लगा है ।
वही इस कार्यवाही को लेकर फिर एक बार खनिज विभाग के अधिकारियो पर उंगली उठने लगी है कि कार्यवाही के बाद एनएच 30 के ढाबे में ऐसा क्या हुआ कार्यवाही में जब्त की गई चैन माउंटेन खदान से ही गायब हो गई।
आपको बतादे पिछले कुछ दिनो में बालोद जिले के साथ साथ भिलाई के एक रेत माफिया पिछले कुछ माह से पोंड अलोरी और भैंसमुडी गांव से लगे रेत घाट में रात के अंधेरे में चैन माउंटेन उतारकर अवैध रेत खनन कार्य किया जाता रहा है हालाकि कुछ सप्ताह पूर्व उक्त रेत ठेकेदार की गाड़ियों पर एक नेता के शिकायत पर कार्यवाही की गई थी जिसके बाद हाल में पोंड से लगे महानदी घाट(बालोद जिला सीमा क्षेत्र में स्थित ) पर दो अलग अलग गुटो द्वारा रेत खनन की की जा रही थी तथा इस दौरान दोनों गुटों में आपसी तकरार के बाद भिलाई के एक माफिया और उनके लोगो के द्वारा अवैध रेत खनन की शिकायत राज्य स्तर पर कर दी जिसके बाद बुधवार की रात करीब 10 बजे दुर्ग धमतरी रायपुर की टीम के साथ बालोद खनिज विभाग की टीम ने दबिश देकर 2 हाइवा को जब्त कार्यवाही कर मरकाटोला पुलिस कैंप में खड़ा करवा दिया वही एक चैन माउंटेन को नदी पर ही जब्ती बनाया था। जिसके बाद देर अधिकारियो की टीम मौके से लौट गई । जिसके बाद गाड़ी को छुड़वाने के लिए कुछ सत्तापक्ष के नेताओ की भी कॉल अधिकारी तक पहुंचे लेकिन अधिकारी मौके पर कार्यवाही कर लौट गए।
वही मामले पर स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ अधिकारी एक ढाबे पर भोजन के लिए रुक गए इसी दौरान चैन कुछ रेत माफिया भी पहुंचे और दोनो के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत का दौर चलता रहा जिसके बाद देर रात रेत माफियाओं द्वारा जब्ती की गई चैन माउंटेन का सील तोड़कर जंगल में छिपा दिया गया जिसके बाद दूसरे गुट के लोगो ने मामले पर अधिकारियो से भी मशीन की जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन मशीन कहां गया इस पर कोई भी अधिकारी द्वारा आधिकारिक जवाब नही देने की बात सामने आ रही है।
आपको बतादे बालोद जिले में संचालित ज्यादातर अवैध रेत खदान अधिकारियो के इसारे पर ही चलती है क्योंकि इससे पूर्व में भी इन खदानों को लेकर जिले के खनिज अधिकारीयों को सूचना दी गई थी लेकिन इनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई वही बुधवार को अचानक राज्यस्तर और अलग अलग जिलों की टीम पहुंचकर कार्यवाही करना जिले के अधिकारियो के मंसूबों पर सवाल खड़ी करती है।