बालोद – बालोद जिला मुख्यालय में भले ही खेल मैदान के नाम पर सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम,और सरदार पटेल मैदान सहित अन्य मैदान उपलब्ध है लेकिन जिले में विभिन्न खेलों से जुड़े खिलाड़ियों और अग्निवीर,पुलिस,सेना,अर्धसैनिक बलो में भर्ती के लिए अभ्यास करने वाले युवाओं के लिए उपयुक्त मैदान आज तक उपलब्ध नहीं हो पाया। स्थानीय युवकों द्वारा पिछले कई सालों से स्थानीय प्रशासन से लेकर सत्ता में बैठे नेताओ तक गुहार लगाई गई लेकिन इन खिलाड़ियों की समस्या को किसी भी जिम्मेदारों ने ध्यान नही दिया और आज जिला मुख्यालय के ये मैदान महज सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन स्थल बनकर रह गया है।
आपको बतादे बालोद जिला मुख्यालय स्थित सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम में नगर पालिका और शासन के अलग अलग मदो से करोड़ों रुपए खर्च किया जा चूके है लेकिन स्टेडियम आज तक खिलाड़ियों के लिए उपयुक्त साबित नही हो सका कुछ साल पूर्व इसी स्टेडियम में लाखो रुपए खर्च कर घास भी बिछाए गए थे लेकिन यह घास कहां पर उगाए गए ये शायद किसी को नहीं मालूम आज पूरा स्टेडियम चिप्स (बजरी) गिट्टी से पटा पड़ा है।
इस स्टेडियम में पिछले कुछ माह पहले जिले के करीब 88 युवक युवतियां अग्निवीर,पुलिस,सेना,अर्धसैनिक बलो में भर्ती होकर देश सेवा से जुड़ने इसी स्टेडियम में अभ्यास करते थे लेकिन मैदान पर बिछे गिट्टी से ये होनहार लगातार घायल हो रहे थे। जिसके बाद इस मैदान से जुड़े बच्चे 20 फरवरी को कलेक्टर जनदर्शन में अपनी समस्यायों को लेकर आवेदन दिए थे । लेकिन ये आवेदन अब इन युवाओं पर ही भारी पड़ते दिख रही है। 10 पहले दिए आवेदन से समस्या समाधान तो नही हुआ बल्कि अब मैदान में बने रनिंग ट्रैक भी बंद हो चुका है। आवेदन के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा गिट्टी के ऊपर मुरूम का ढेर डालकर छोड़ दिया गया जिसके चलते मैदान में पहुंचने वाले इन होनहारों का रनिंग ट्रैक बंद हो गया
आपको बतादे पिछले कुछ माह में इस मैदान में जिला मुख्यालय के आसपास से करीब 88 बच्चे अग्निवीर,पुलिस,सेना,एस एस सी जी डी (अर्ध सैनिक बल ) में भर्ती के लिए अभ्यास करने पहुंचते थे लेकिन मैदान पर मुरूम के ढेर बिछाकर छोड़ देने से अभ्यास करने में दिक्कत आ रही थी जिसके चलते अब इस मैदान पर महज दर्जन भर बच्चे ही पहुंच पा रहे है। मामले पर बच्चो ने भी अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि बालोद जिले में मैदान की समस्या के चलते उन्हें अपने हुनर के बाद भी आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पाता है।
क्या थी इन बच्चो की मांग
मैदान पर अभ्यास के लिए पहुंचने वाले बच्चे हर रोज सुबह करीब 5 बजे यह पहुंचते थे तथा सुबह अंधेरा बहुत ज्यादा होने के चलते स्टेडियम में लगे हेलोजन लाईट की रोशनी भी कम पड़ती थी इसलिए सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम पर समुचित प्रकाश व्यवस्था,रनिंग ट्रेक से बजरी हटाने,लंबी कूद अभ्यास के लिए पतली रेत डालने,तथा स्टेडियम में बने बाथरूम में पानी सफाई की व्यवस्था की मांग की गई थी।
इन युवाओं के मांग तो पूरा नही हुआ बल्कि आवेदन के बाद इनकी समस्या बढ़ गई है और धीरे धीरे मैदान पर पहुंचने वाले बच्चो की संख्या में भी लगातार कमी आने लगी है जिसके चलते इस मैदान पर नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने निशुल्क प्रशिक्षण देने वाले पूर्व सैनिक भी चिंतित नजर आए बहरहाल देखना होगा इन बच्चो की समस्या को प्रशासन कितनी गंभीरता से लेती है और इनकी समस्यायों का समाधान कब तक हो पाता है।
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