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विधायक संगीता ने बालोद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली सहित मितानिनों की समस्या को रखे विस पटल पर…बोले डेढ़ लाख की आबादी के लिए सिर्फ 4 एमबीबीएस

बालोद।छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान सदन में गुरुवार बालोद जिले में संचालित जिला अस्पताल , सामुदायक स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त पदों व मितानिन बहनों के लिये जिला और ब्लॉक में भवन देने सहित अन्य मामलों को लेकर संजारी बालोद की विधायक संगीता सिन्हा ने प्रमुखता से उठाया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से इस संबंध में जनकारी मांगी।विधायक संगीता सिन्हा ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा की हमारे जीवन में स्वास्थ्य का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विभाग की मांग संख्या-19 लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मांग संख्या-79 चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा मांग संख्या-50 बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग से संबंधित व्यय की चर्चा में बोलने के लिए खड़ी हुई हूं। हमारे स्वास्थ्य विभाग के मुखिया को बहुत-बहुत बधाई देती हूं। क्योंकि आपने जो अनुदान मांग लाया है, उसमें आप थोड़ी और राशि ले लीजिये, यह निवेदन करते हुए कहना चाहती हूं कि स्वास्थ्य की दृष्टि से यह विभाग सबके लिए महत्वपूण होता है। हम धन से सब कुछ खरीद सकते हैं, हमारे लिए जो भी आवश्यक सामग्री है, वह सब खरीद सकते हैं, लेकिन एक श्वास नहीं खरीद सकते हैं। हमारे लिए स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है। हमारे पूरे छत्तीसगढ़ राज्य और देश को स्वस्थ रखने में हमारे मंत्री का बहुत बड़ा सहयोग रहेगा।

गुरुर ब्लाक की डेढ लाख की आबादी में केवल 4 एमबीबीएस. डाक्टर

विधायक संगीता सिन्हा ने कहा की हमारे यहां डाक्टर और जनता के बीच का अनुपात देखें। मैं जब डाक्टर और जनता के बीच का अनुपात देखती हूं तो हमारे यहां डाक्टर बहुत ही कम हैं। हमारे मोदी जी हमेशा विकसित भारत की बात करते हैं। कहते हैं कि हम विकसित देश की ओर जा रहे हैं, विकसित भारत की ओर जा रहे हैं। मैं उनको बताना चाह रही हूं कि अगर हम विकसित भारत की ओर जा रहे हैं तो हमको क्या-क्या मूलभूत सुविधा की आवश्यकता है। हम स्वास्थ्य की दृष्टि से जनता और डाक्टर का अनुपात में देखते हैं तो आस्ट्रेलिया में प्रति हजार पर 6 डाक्टर हैं। उसी के साथ अगर ब्रिटेन का देखते हैं तो प्रति हजार पर 3 डाक्टर हैं। हम अमेरिका में देखते हैं तो प्रति हजार पर 2.6 डाक्टर हैं। अगर हम भारत में आते हैं, हम अपने देश का अनुपात देखते हैं तो प्रति हजार पर 0.09 डाक्टर हैं। आप सोचिये कि कितने कम डाक्टर हैं। प्रति हजार व्यक्तियों के लिए 0.09 डाक्टर हैं। अगर मैं विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर देखती हूं तो संजारी बालोद के छोटे से ब्लाक में जाती हूं तो मेरे गुरुर ब्लाक की डेढ लाख आबादी है। डेढ लाख की आबादी में सिर्फ 4 एम.बी.बी.एस. डाक्टर हैं। सभापति हमारे छत्तीसगढ़ राज्य की दयनीय स्थिति है, देश की भी दयनीय स्थिति है।

डाक्टरों को नही मिलता मूलभूत सुविधाएं

विधायक ने कहा की हम विकसित भारत की ओर जा रहे हैं और हम डाक्टरों की चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में पीछे हैं। हम यह निवेदन करना चाह रहे हैं कि अगर आप विकसित भारत की ओर जा रहे हैं, छत्तीसगढ़ राज्य को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं। तो डाक्टरों की संख्या बढ़ानी पड़ेगी। जब तक डाक्टरों की संख्या नहीं बढ़ेगी, आप चाहे जितने भी बिस्तर वाला अस्पताल खोल दें, सौ बिस्तर, दो सौ बिस्तर, हजार बिस्तर का अस्पताल खोल दीजिये, यदि वहां डाक्टर नहीं रहेंगे तो मरीजों का ईलाज कौन करेगा ? यहां डाक्टरों की इतनी कमी है। उन्होंने कहा की अगर हम दूसरे देश की भी बात करें तो वहां गर्भवती महिलाओं का ईलाज उनके घर जाकर किया जाता है। हमारे यहां गर्भवती महिलाएं डाक्टर के पास जाती हैं तो उसे रेफर कर दिया जाता है। क्योंकि वहां डाक्टर नहीं रहते हैं। डाक्टर के नहीं रहने का एक कारण और भी है। अगर आप विचार करें कि डाक्टर क्यों नहीं हैं तो आप पायेंगे कि एक तो हमारे पास डाक्टर की संख्या कम है। दूसरी बात अगर डाक्टर हैं तो उनको मूलभूत सुविधा प्रदान नहीं किया जाता है। अगर डाक्टर को ज्यादा वेतन दिया जाये, अगर एक डाक्टर का वेतन बढ़ा दिया जाये, उनको मूलभूत सुविधा प्रदान कर दिया जाये तो वह कहीं बाहर या शहरी क्षेत्र की ओर नहीं जायेगा। अगर एक डाक्टर को मूलभूत सुविधा प्रदान किया जा रहा है, उनको सारी सुविधा दे रहे हैं तो डाक्टर वहां से बाहर नहीं जायेगा। मैं अभी बीच में प्रश्न लगाई थी। मेरे बालोद जिले में एक भी डाक्टर नहीं है। मेरा बालोद जिला तो थोड़ा नगरीय क्षेत्र में आता है। वह कभी किसी के आंगन को यूज करती है, कभी किसी के चौरा को यूज करती है। मैं आपसे यह मांग करती हूं कि मितानिन बहनों के लिये जिला में और ब्लॉक में भवन दे दिया जाये तो उनकी मीटिंग के लिये बहुत अच्छा होगा। उनकी प्रोत्साहन राशि 04 महीने से रुकी हुई है, वह उनको दे दी जाये तो बड़ी कृपा होगी।

दुबचेरा गांव में बनकर तैयार है 50 लाख रुपये का हॉस्पिटल

विधायक ने कहा की मेरे विधान सभा में बालोद जिला में गुरूर ब्लॉक में एक दुबचेरा गांव है, जो गुरूर से महज 05 किलोमीटर दूर है। वहां पर एक कबीरपंथी साहब हैं। उन्होंने 50 लाख रुपये का एक हॉस्पिटल बनाकर रेडी कर दिया है। अब वह चाहते हैं कि इस अस्पताल को प्रारंभ किया जाये। वह इतना बड़ा अस्पताल है कि हम उसको प्राईवेट नहीं करवा सकते इसलिये वह उसे शासकीय अस्पताल बनाने की मांग कर रहे थे। यदि उसमें डॉक्टर भेज दिया जाये, स्टॉफ उपलब्ध करा दिया जाये तो बहुत बड़ी कृपा होगी। हमको पूरा हॉस्पिटल रेडी मिल रहा है, हमको सिर्फ स्टॉफ भेजने की आवश्यकता है। यदि हमारे मंत्री उसमें स्वीकृति प्रदान कर दें तो बड़ी कृपा होगी।

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