बालोद । जिला प्रेस क्लब बालोद के तत्वाधान में गूगल न्यूज़ इनीशिएटिव इंडिया के मास्टर ट्रेनर द्वारा रेस्ट हाउस बालोद में जिले के पत्रकारों को आधुनिकता के दौर में पत्रकारिता में कैसे नवाचार कर सकते हैं। इसको लेकर विशेष प्रशिक्षण दिया गया ।आयोजित प्रशिक्षण में मुख्य रूप से मास्टर ट्रेनर श्री बीएन पंडा द्वारा बताया गया कि कैसे हम डेटा के इस्तेमाल से खबरों को और रोचक बना सकते हैं। डाटा हासिल करने के लिए हालांकि कुछ मेहनत करनी पड़ती है। आरटीआई लगाने पड़ते हैं तो जानकारी हासिल करने के प्राइमरी और सेकेंडरी सोर्स भी होते हैं। लेकिन प्राप्त डेटा को अलग-अलग डायग्राम, चार्ट के जरिए हम सजाकर खबरों में नयापन ला सकते हैं। वहीं लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी एक ग्राफ के जरिए दी जा सकती है।
उन्होंने इस प्रशिक्षण के दौरान फेक न्यूज़ से कैसे बचा जा सकता है, कोई भी पोस्ट वायरल होती है तो उसकी सच्चाई कैसे हम गूगल लेंस या गूगल रिवर्स इमेज के जरिए पता कर सकते हैं यह भी बताया गया। साथ ही गूगल मैप पर स्ट्रीट व्यू के जरिए किसी भी घटनास्थल की सटिक और प्रामाणिक जांच को भी बतलाया गया। उन्होंने कहा कि सैटलाइट व्यू की अपेक्षा स्ट्रीट व्यू ज्यादा कारगर है। क्योंकि सैटलाइट व्यू में जो भी लोकेशन डाले जाते हैं वह आम जनता के माध्यम से होते हैं। जो गलत भी हो सकते हैं। तो दूसरी ओर स्ट्रीट व्यू में गूगल के टीम द्वारा फोटोग्राफी करके जानकारी डाली जाती है। बालोद शहर में भी स्ट्रीट व्यू की सुविधा गुगल मैप में है। उन्होंने चुनावी डेटा के विश्लेषण रिपोर्ट को लेकर भी रोचक खबरें निकाले जाने की जानकारी दी। साथ ही मायनेता डॉट इंफो के जरिए हम जो भी प्रत्याशी होते हैं उनके द्वारा दिए गए शपथ पत्रों, घोषणा पत्रों के माध्यम से प्राप्त जानकारी का संकलन हासिल कर सकते हैं। कोई भी तस्वीर या जानकारी वायरल होती है तो उसकी तह तक जाए बगैर उसे अखबार या न्यूज़ चैनल, पोर्टल में स्थान न देने की अपील उन्होंने की। उन्होंने सत्यता जानने के कई तरीके भी बताएं। मिस इनफॉरमेशन और डिस इनफॉरमेशन का अंतर बताते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर हम लोग जानकारी के अभाव में मिस इनफॉरमेशन का शिकार होते हैं। लेकिन कोई भी जानकारी या फोटो को गलत तरीके से एडिट करके सही जानकारी की तरह प्रसारित करने वाले डिश इनफार्मेशन की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान प्रोजेक्टर पर कुछ ऐसी तस्वीर भी दिखाई ,जो दिखने में तो असल लग रही थी। लेकिन सभी एडिट किए हुए थे। जो कि एकाएक आम जनता की नजर में आएंगे तो लोग उन्हें सही ही मान बैठेंगे। ऐसे कई तस्वीरें और जानकारी कई बार सोशल मीडिया में वायरल होती है। जिन्हें लोग जानकारी के अभाव में सही समझते हैं। ऐसे में पत्रकारों को ज्यादा सजगता से रिपोर्टिंग करने की जानकारी दी गई और उनके तरीके भी बताए गए।
क्या है गूगल न्यूज इनीशिएटिव प्रोग्राम?
गूगल न्यूज इनीशिएटिव, गूगल की नई पहल है जो, लोकल न्यूज ऑर्गेनाइजेशन (ओरिजिनल समाचार बनाने वाले) को सशक्त करने का काम करेगी। गूगल ने इसमें अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, बंगाली, मलयालम, गुजराती और मराठी सहित नौ भारतीय भाषाओं में समाचार संगठनों को मदद करेगा। प्रोग्राम के तहत, इन संगठनों को ट्रेनिंग, टेक्निकल सपोर्ट के साथ फंडिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी।
इस प्रशिक्षण के अंत में जैन श्री संत विद्यासागर के निधन पर श्रद्धांजलि भी दी गई। इस अवसर पर बालोद जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष संतोष साहू,मोहन दास मानिकपुरी,रवि भूतड़ा,नितेश वर्मा, टीकम पिपरिया,नरेश श्रीवास्तव, अरुण उपाध्याय,सुप्रीत शर्मा, दीपक यादव,राजेश साहू,अनिल सुथार,शंकर साहू, चिमन पटेल,दानवीर साहू,मंजू शर्मा, परस साहू, गुलाब दास मानिकपुरी,दीपक देवदास,लीलाधर साहू,शिबू चाको, हरिवंश देशमुख,जगन्नाथ साहू, हंसराज साहू,परम राज, घनाराम आदि मौजूद रहे।