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बालोद का गंगा सागर कभी कहलाता था प्रदेश का मॉडल तालाब….लेकिन अब ये कहलाता है गंदा सागर…इसे संवारने के नाम पर लाखो रुपए हुए खर्च..लेकिन नही सुधर पाई तालाब हालत..जिम्मेदार कौन

बालोद- जिला मुख्यालय के हृदय स्थल में स्थापित प्रदेश का मॉडल गंगा सागर तालाब के सौंदर्यीकरण और साफ सफाई के नाम पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा लाखो रुपये खर्च करने के पश्चात भी गंगासागर तलाब की गंदगी दूर होने का नाम नही ले रही है।गंगासागर तलाब साफ सफाई के अभाव में गंदगी फैल रही है।

तालाब की सफाई की ओर अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है। शहर के गंगासागर तलाब सहित अन्य तालाब देखरेख के अभाव में बढ़ती गंदगी के कारण अपना अस्तित्व खोते जा रही हैं। कभी इस गंगासागर तालाब का पानी शुद्घ होने के कारण लोग निस्तारी के लिए उपयोग करते थे। लेकिन अब इन तालाबों में बढ़ती गंदगी के कारण यहां का पानी निस्तारी करने के लिए भी सोचना पड़ रहा है। तलाब में पालीथिन अपशिष्ट पदार्थों का ढेर लगा हुआ है। बुजुर्गों के अनुसार कभी इस तालाब का पानी शुद्घ हुआ करता था जो देखरेख सफाई के अभाव में तालाब में गंदगी बढ़ती जा रही है। तालाब तट में पालीथिन, प्लास्टिक अन्य अपशिष्टों का ढेर होना आम बात है।


शोकाकुल परिवारों को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी

 

गंगासागर तालाब का पानी गंदा होने से सबसे ज्यादा परेशानी शोकाकुल परिवारों को हो रही है, क्योंकि इन परिवारों को नहावन तालाब पर ही करना है। यहीं पिंडदान करना है। मुख्य तालाब होने के कारण अधिकांश समाज के परिवार गंगा सागर में ही नहावन का आयोजन करते हैं। अपना अस्तित्व खोते गंगा सागर तालाब की स्थिति देख अब तो नहावन के लिए शोकाकुल परिवार अपने घरों या फिर किराए से ड्रम लेकर उसमें पानी भर कर नहाते हैं और पिंडदान की परंपरा निभाते हैं। अनदेखी के चलते प्रदेश का मॉडल गंगासागर तालाब का हश्र ऐसा है कि कचरे की वजह से जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। गंदा पानी न घुसे इसके लिए लाखो रुपए से निकासी नाली बना हुआ है। लेकिन सफाई के अभाव में गंदगी का आलम है। स्थिति ऐसी है कि गंदगी से पटे तालाब को देखकर लोग कहने लगे है कि यह गंगा नहीं बल्कि गंदा सागर है। एक ओर नियमित सफाई का दावा और दूसरी ओर ऐसा हाल है।


गंगासागर तालाब का घाट बन गया प्रसाधन

 

गंगासागर तालाब में गंदगी के लिए पालिका ही नहीं बल्कि आम लोग भी जिम्मेदार हैं। बता दें कि तालाब में बने घाट का उपयोग लोग प्रसाधन के लिए कर रहे हैं, जिसके कारण घाट से बदबू उठ रही है। इसकी सफाई के लिए नगर पालिका के साथ आम लोगों को भी आगे आना होगा। यह नगर का ऐतिहासिक तालाब है पर इसकी साफ -सफाई पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और अब स्थिति यह है कि गंगा सागर तालाब का पानी गंदा हो चुका है। अभी तक इस गंदे पानी को तालाब में आने से रोक नहीं लगाया गया है। साथ ही जलकुम्भी से भी यह तालाब पट चुका है अगर समय रहते पालिका ध्यान नहीं दिया तो यह तालाब अस्तित्व ही खो देगा।

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