बालोद- बालोद जिले के जिला प्रशासन का रिसॉर्ट संचालक पर इतने मेहरबान कि सरकारी भवन को ही रिसॉर्ट संचालक के हवाले कर दिया दरअसल बालोद जिले के सयुंक्त कार्यालय के पास बना वृद्धाश्रम अब रिसॉर्ट मजदूरों और कैंटीन/रेस्टारेंट ने कार्यरत कर्मचारियों का बीते 2 माह से आशियाना बना हुआ हैं। यहां रह रहे मजदूरों ने वृद्धाश्रम को कबाड़ खाना बना कर रख दिया हैं। परिसर में गंदगी पसरी हुई हैं। शराब व खाली पानी की बोतल, डिस्पोजल, खाने पीने के खाली रैपर पड़े हुए हैं। आश्रम में बने शेड निर्माण में दुपहिया वाहन रखे हुए हैं। बाथरूम के नल का नोजल टूट गया हैं। जिस वृद्धाश्रम ने वृद्ध जनों को निवास करना है, उनकी जगह एक निजी रिसॉर्ट के मजदूर और कैंटीन के कर्मचारी रह रहे है। 2 माह से इन मजदूरों व कर्मचारियों का आश्रय स्थल बना हुआ हैं। उल्लेखनीय हैं कि ग्राम पंचायत सिवनी अंतर्गत कलेक्ट्रेट जाने वाले मार्ग पर आदमाबाद जल संसाधन के एसडीओ कार्यालय के बाजू में वित्तीय वर्ष 2022-23 में वृद्धाश्रम भवन का जीर्णोद्धार कार्य जिला खनिज न्यास निधि से हुआ हैं। जिसकी कार्य एजेंसी स्वंय ग्राम पंचायत सिवनी था। जीर्णोद्धार कार्य 15 सितंबर 2022 को प्रारंभ हुआ था और 18 दिसम्बर 2022 को पूर्ण हो गया। उक्त जीर्णोद्धार कार्य के लिए 13 लाख 80 हजार की प्रशासनिक स्वीकृति एवं 13 लाख 80 तकनीकी स्वीकृति हुई थी। जिस परिकल्पना और उद्देश्य से वृद्धाश्रम का जीर्णोद्धार किया गया था, वह फेल हो चुका हैं। वृद्धाश्रम के जीर्णोद्धार कार्य को पूर्ण हुए एक साल से ज्यादा हो गए, बावजूद यहां वृद्धजनों को शिफ्टिंग नही किया जा सका हैं। इसे जिम्मेदारों की लाचारी कहे या लापरवाही, समझ से परे हैं। बता दे कि
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वृद्धाश्रम का जीर्णोद्धार हुए एक साल से अधिक हो गए हैं।इसके निर्माण का मकसद था कि सुख आश्रय में रह रहे वृद्धजनों को यहां लाया जाए। उन्हें खुली जगह, शुद्ध वातावरण, और आश्रम की खिड़की से तांदुला जलाशय का नज़ारा देखने मिले। या फिर अन्य सेंटरों से वृद्धजनों को लाकर यहां रखा जाए। लेकिन वह उद्देश्य समाज कल्याण विभाग के जिम्मेदारों की गैरजिम्मेदारी से फेल हो चुका हैं। इसमे विभाग की लाचारी व लापरवाही दोनों ही साफतौर पर देखने मिली है।
तांदुला इको रिसॉर्ट के कर्मचारियों ने बनाया आशियाना-
ग्राम पंचायत सिवनी के सरपंच दानेश्वर सिन्हा से मिली जानकारी अनुसार आदमाबाद स्तिथ वृद्धाश्रम में तांदुला इको रिसॉर्ट में काम करने वाले मजदूर और रेस्टारेंट में कार्यरत कर्मचारी करीबन 2 माह से रुके हुए हैं। आश्रम के अंदर कमरे में ही बेड लगाकर सोते है। कमरे में ही खाना बनाते है और खाते है। आरईएस विभाग के ईई के बोलने पर रिसॉर्ट में काम कर रहे मजदूरों और रेस्टारेंट के कर्मचारियों को वृद्धाश्रम की चाबी दी गईं थी। दानेश्वर ने आगे बताया कि वृद्धाश्रम में दो रूम एक महिला व एक पुरूष हेतु बनाया गया है। वही बगल में ही किचन का भी निर्माण किया गया है। साथ ही खुला शेड बनाया गया हैं। जहां वृद्धजन बैठकर हसीं ठिठोली कर सके। टाइम पास कर सके। लेकिन वहां यह सब नज़र नही आता। वृद्धाश्रम वृद्धजनों से गुलजार होने के बजाय कबाड़ खाने में तब्दील होता जा रहा हैं।
क्या कहते है ज़िम्मेदार
“अभी हमको हैंडओवर नही हुआ है, पंचायत के पास ही है। जिला मुख्यालय बालोद में स्तिथ सुख आश्रय में रहने वालों यहां शिफ्ट किया जाना हैं, कई बार प्रयास किया गया है, लेकिन वो नही आना चाहते। अभी वृद्धाश्रम में रिसॉर्ट में काम करने वाले मजदूर वहां रह रहे है। हमारे 3-4 सेंटर और है, वहां से शिफ्ट करेंगे या फिर नशा मुक्ति केंद्र संचालन करेंगे, इसके लिए कलेक्टर से बात करनी होगी।”अजय गेडाम, उप संचालक, समाज कल्याण विभाग
“पूर्व कलेक्टर की अनुमति से रिसॉर्ट में कार्यरत मजदूर व कर्मचारियों को रुकने दिया गया है। कलेक्टर ने आरईएस विभाग के ईई को कहा, ईई के माध्यम से फिर मजदूर व कर्मचारियों को ठहरने के लिए चाबी दिया गया है। इन्हें रुके 2 माह से ज्यादा हो गए हैं। हम भी चाहते है कि यहां वृद्धाश्रम शिफ्ट हो। जिस उद्देश्य से वृद्धाश्रम का जीर्णोद्धार किया गया है, वृद्धजनों के रहने के लिए। वह उद्देश्य नज़र नही आ रहा है।”दानेश्वर सिन्हा, सरपंच, ग्राम पंचायत, सिवनी