बालोद जिले के तीनो विधानसभा में चुनाव के बाद भी राजनीतिक दलों की सियासी लड़ाई खत्म नहीं हुई.चुनाव के बाद प्रत्यासियों की किस्मत बैलेट पेपर और ईवीएम में कैद हो चुकी है लेकिन इस पर गड़बड़ी की आशंका को लेकर भाजपा ने स्थानीय प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है.जिस पर आज भाजपा प्रत्यासियों सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैलेट पेपर द्वारा हुए मतदान की मत पेटियों की सुरक्षा बढ़ाये जाने तथा मत पेटियों को स्ट्रांगरूम में संधारित किये जाने को लेकर जिला निर्वाचन के नाम ज्ञापन सौपा है
मतदान का कार्य संपन्न हो चुका है और आगामी 3 दिसंबर को मतगणना होनी है, ईवीएम और मतपेटियों से प्रत्याशी का भाग्य का फैसला निकलेगा.तो वही दूसरी ओर प्रत्याशियों को बैलेट पेपर द्वारा हुए मतदान की मत पेटियों की सुरक्षा का डर सता रहा हैं.सोमवार को अवकाश के दिन डौंडीलोहारा विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी देवलाल ठाकुर एवं गुंडरदेही विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र साहू अपने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुचे.जहां उन्होंने बैलेट पेपर द्वारा हुए मतदान की मत पेटियों की सुरक्षा बढ़ाये जाने तथा मत पेटियों को स्ट्रांगरूम में संधारित किये जाने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.इस दौरान भाजपाइयों ने कलेक्ट्रेट परिसर में अधिकारियो पर मनमानी का आरोप लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.वही भाजपा प्रत्याशियो ने कहा की मतपेटियों में असुरक्षा का भाव सामने आ रहा है.डाकमत पत्रों में धांधली की जा रही है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाया कि वे कूटरचना के माहिर खिलाड़ी है.वही शंका जाहिर करते हुए कहा कि जिस तरह भूपेश बघेल सफेदा लगाकर काम करते है.तो कही मतपेटियों में सफेदा न लगा दे इसी सुरक्षा की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है.
आपको बतादे भाजपा ने मतदान के बाद भले ही मतपेटियों की सुरक्षा पर ज्ञापन दिये..लेकिन दूसरी तरफ भाजपा नेताओं ने जिले में आचार संहिता लागू होने के बाद जिला निर्वाचन की सुरक्षा व्यस्था की भी पोल खोल कर रख दी.ज्ञापन के नाम पर बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता भाजपा का झंडा लेकर कलेक्टर परिसर के भीतर पहुंचे और कांग्रेस तथा शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते नजर आए.लेकिन इस रोकने या मना करने वाले कही पर कोई प्रशासनिक व्यवस्था नजर नही आई।आपको बतादे कलेक्ट्रेट के भीतर आमतौर पर अन्य समयों पर इस तरह नारेबाजी या धरना प्रदर्शन नही देखा जाता लेकिन जब पूरे प्रदेश में आचार संहिता और धारा 144 लागू है इस बीच भाजपा के नेताओ का कलेक्ट्रेट के भीतर इस तरह हंगामा और नारेबाजी पूरे प्रशासन के लिए एक खुली चुनौती है बहरहाल देखना होगा इस मुद्दे पर प्रशासन आगे किस तरह का रुख अख्तियार करती है