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तोड़ना नही जोड़ना है- मुनि श्री ऋषभसागर जी म.सा

दल्लीराजहरा,परम पूज्य गुरुदेव श्री ऋषभ सागर जी महाराज के प्रवचन संखला में यह बताया कि अपने आप को कैसे अच्छा इंसान बनाना इस बात पर चिंतन कर व्यक्ति को अपने जीवन में उस गुण को विकसित कर अच्छा इंसान बनना चाहिए ,अच्छा इंसान हर व्यक्ति बन सकता है सिर्फ उस गुण को अपने अंदर विकसित करना होता है, अच्छा बनने के लिए सर्वप्रथम क्षमा का गुण, इंसानियत, दया की भावना ,जीवन में सरलता धैर्य गुण जो भी व्यक्ति अपने अंदर विकसित करेगा वह अच्छा व्यक्ति बन सकता है। जोड़ना बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य होता है जोडने की अपेक्षा आज हर व्यक्ति परिवार को, समाज को, एक दूसरे को तोड़ने के कार्य में लगा हुआ है जबकि जोड़ने का कार्य करना चाहिए तोड़ने का नहीं। जो व्यक्ति परिवार समाज जोड़ता है आज उस व्यक्ती को बहुत ज्यादा मेहनत लगती है, ज्यादा ताकत लगती है। कई बार ऐसे जोड़ने वाले व्यक्ति को गलत लोगों का भी सामना करना पड़ता है, परंतु धैर्यवान, सरल, सहज ,गुण वाले व्यक्ति सब कुछ सहन करते हुए भी परिवार को और समाज को जोड़ने का कार्य निष्ठा पूर्वक निस्वार्थ भाव से करते हैं, महावीर स्वामी के जीवन से क्षमा का गुण ,गौतम स्वामी के जीवन से विनय का गुण सीखना चाहिए आज के समय में तोड़ने से ज्यादा ताकत जोड़ने में लगती है ।अंत में गुरुदेव श्री ने उपस्थित सभी लोगों से आग्रह किया कि आप अपने जीवन में धैर्य व सरल बने ,सहज बने विनयवान बने परिवार को ,समाज को जोड़ने वाला काम करें तोड़ने का कार्य ना करें। उपस्थित अनेक लोगों ने मुनि श्री के प्रवचन से प्रभावित होकर स्वयं ही हाथ जोड़कर भरी सभा में खड़े होकर संकल्प लिया कि हम अच्छा व्यक्ति बनने की पूर्ण कोशिश करेंगे। अच्छा व्यक्ति बनने के जो गुण होते हैं उन सभी गुणों को अपने अंदर विकसित करेंगे।

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