बालोद-बालोद जिले में सड़के खून से लाल हो रही है। यातायात पुलिस की उदासीनता व लोगों में जागरूकता के अभाव में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके चलते लोगो की जान सड़क दुर्घटना में जा रही है। लगातार बढ़ते हादसों के बीच आज फिर एक बार बस दुर्घटना टली है। दरअसल बालोद से डौंडी मार्ग के पचेड़ा गांव के पास बस के टायर फटने अफरा तफरी मच गई वही बस में सवार लोगो ने दरवाजे से तथा खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई घटना में किसी तरह जन क्षति नहीं हुई लेकिन इस घटना ने फिर से यातयात व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए क्योंकि जानकारी के मुताबिक बस में क्षमता से अधिक यात्री भरकर ले जाया रहा था । और तेज गर्मी तथा कमजोर टायर में हवा का दबाव अधिक होने से घटना घटी है।
जिले में लगातार बढ़ रहे हादसे
जिले में पिछले साढ़े 4 महीने में 81 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई है। जिले में इस वर्ष जनवरी से लेकर मई महीने के 136 दिन में 156 सड़क दुर्घटनाएं हुई है जिसमें 81 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। केवल मई महीने के 16 दिन में ही सड़क दुर्धटना में 18 लोग अपनी जान गवा चुके है। इस तरह औसत रोज एक व्यक्ति सड़क दुर्धटना का शिकार हो रहे है । बीते पांच माह में ही 156 सड़क दुर्घटनाओं में 81 लोगों ने जान गंवाई और 160 लोग घायल हुए हुए है। जिले की सड़कों पर लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही है। तेज रफ्तार वाहनों के कहर से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है।
घटनाओं के बाद भी लोग नहीं चेत रहे
इतनी घटनाओं के बाद भी लोग नहीं चेत रहे हैं। जिला पुलिस विभाग व यातायात विभाग द्वारा वर्ष में एक बार लोगों को जागरूक करने के लिए यातायात के नियम की जानकारी देने सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता हैं।सड़क सप्ताह के दौरान लोगो को नशे की हालत एवं तेज रफ्तार से वाहन न चलाने सहित और भी नियमों की जानकारी दिया जाता हैं। आखिरकार इन नियमों का पालन वाहन चालकों को ही करना है, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण ही उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है। इसी वजह से केवल साढ़े 4 माह में जनवरी से मई तक 156 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 81 लोगों की मौत हो गई और 160 लोग घायल हो चुके हैं।
साढ़े 4 माह में 156 हादसों में 81 लोगों ने गंवाई जान और 160 हुए घायल
आंकड़ों के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं शराब के नशे में हुई है जिनके कारण मौत भी हुई है। लगातार सड़क दुर्घटनाओं के बाद भी वाहन चालक नहीं चेत रहे हैं। लापरवाहीपूर्वक गाड़ी चलाने के कारण अपने परिवार से हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। 2023 के साढ़े 4 माह में ही 156 हादसे हुए। इसमें 88 की मौत हो गई और 160 लोग घायल हो गए। हादसों की एक वजह अंधा मोड़ में सावधानी नहीं बरतना भी सामने आया है।
ज्यादा मौत बिना हेलमेट और नशे में वाहन चलाने से
यातायात विभाग के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौत शराब के नशे में और बिना हेलमेट वाहन चलाने से सिर में गंभीर चोट लगने से होती है। पुलिस जागरूकता अभियान में वाहन चालकों को हेलमेट का उपयोग करने एवं वाहन सामान्य गति से चलाने व शराब के नशे में वाहन नहीं चलाने की समझाइश देती है। इसके बाद भी वाहन चालक मनमानी व लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हैं।
जिले के ये क्षेत्र ब्लैक स्पॉट
पुलिस प्रशासन ने जिले में 12 ऐसी जगहों का चिंहित कर ब्लैक स्पॉट दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र माना है। यहां एक ब्लैक स्पॉट की एक ही जगह पर दुर्घटना में ही हर साल लोगों की मौत हुई हैं। जानकारी के मुताबिक राजाराव पठार,जगतरा,मरकाटोला, सिवनी मोड़, उमरादाह,पैरी,मानपुर चौक,गुदुम,बालोद-दल्ली मार्ग,भैसबोड,साकरा क, गुंडरदेही मार्ग शामिल है।जिन्हें ब्लैक स्पॉट धोषित किया गया हैं।इस क्षेत्र में सँभलकर वाहन चलाना चाहिए।