बालोद/डाँडी- ब्लॉक के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम पंचायत पूसावड़ की मुख्य मार्ग पर बसी बस्ती के रहवासी कांकेर जिले के ग्राम कच्चे में संचालित प्राइवेट माइंस से लगातार परेशान और प्रताड़ित हो रहे है। उक्त बस्ती कांकेर जिले की सरहद से लगे गांव कच्चे से बिलकुल लगी हुयी है और कच्चे में संचालित प्राइवेट आयरन ओर की माइंस की दूरी इस बस्ती से मात्र 1 से 2 किलोमीटर की दूरी पर है, जिसमे होने वाली ब्लास्टिंग, खदान से निकलने वाले लाल पानी और ब्लास्टिंग में उड़ने वाले कंकड़ और पत्थरों सहित धूल से होने वाली समस्याओं के लिए ब्लॉक कार्यालयों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाकर आमजनता थक चुकी है, वहीं ब्लॉक के अधिकारी कुम्भकर्णीय नींद में सोये हुये है, आम जनता की समस्याओं, अवैध कार्यों पर लगाम लगाने की जगह सिर्फ बैठको, शिविरों और दौरों में ही अपना समय व्यतीत करते नजर आते है ।
विदित हो कि ब्लॉक में कांकेर जिले से लगी सरहद पर कच्चे माइंस में होने वाली ब्लास्टिंग, माइंस से निकले लाल पानी सहित लौह अयस्क ढुलाई में लगी सैकड़ों ट्रकों से हो रही दुर्घटनाओं की खबरें लगातार प्रकाशित करने, स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी के द्वारा संसद भवन में कच्चे में हो रहे अवैध उत्खनन, बड़ी ब्लास्टिंग सहित मूलभूत सुविधाएं नही प्रदान करने जैसे मुद्दों पर आवाज उठाने के बावजूद कच्चे में निजी माइंस संचालक और प्रबंधक के कानों पर जूँ तक नही रेंग रही है ।
कच्चे माइंस के प्रबंधक केके झा के द्वारा सीधा बोला जाता है कि बालोद जिले के प्रभावित मकान मालिकों को हम ब्लास्टिंग से होने वाले नुकसान के लिए किसी भी प्रकार का सहयोग या मुआवजा नहीं दे सकते । वहीं ब्लॉक के स्थानीय अधिकारियों के द्वारा पीड़ितों के मकान की दुर्दशा देखने के बावजूद कोई कार्यवाही नही की जा रही है ।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व ही डौंडी नगर पंचायत के अध्यक्ष और सर्व आदिवासी समाज के वरिष्ठ सोमेश सोरी ने ब्लास्टिंग से प्रभावित पुसावड़ पंचायत की रहवासी संतोषी बाई गौर के घर का जायजा लेकर स्थानीय एसडीएम से चर्चा की, साथ ही सर्व आदिवासी समाज के मुखियाओं को भी समाज की एक अत्यंत गरीबी में जीवन यापन करने वाली महिला और दो बेटियों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार की जानकारी देते हुए कहा था कि यदि पीड़िता को मुआवजा सहित अन्य सुविधाएं नही मिली तो सड़क की लड़ाई लड़ी जाएगी ।
इस संबंध में सोमेश सोरी से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि कच्चे की निजी माइंस के प्रबंधक के के झा की हठधर्मिता और फूट डालो राज करो वाली राजनीति के कारण डौंडी ब्लॉक की ग्राम पंचायत पुसावड़ की मुख्य मार्ग पर बसी बस्ती के लोगो के साथ साथ पूरा बालोद जिला परेशान है । इस समस्या के लिए कांकेर कलेक्टर सहित कांकेर जिला पंचायत अध्यक्ष को पत्राचार कर समस्या के निदान हेतु आग्रह किया गया है, वहीं जल्द ही भानुप्रतापपुर के एसडीएम से भी चर्चा हेतु पुसावड़ पंचायत की सरपंच और पीड़िता को ले जाकर जल्द से जल्द निराकरण हेतु बातचीत की जाएगी । यदि निश्चित समयावधि में उचित कार्यवाही कांकेर जिले के प्रशासन द्वारा नही की गई तो मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर कच्चे माइंस से चलने वाली ट्रकों को रोक दिया जाएगा । सोमेश सोरी ने इसी कड़ी में आगे कहा कि राज्य के मुखिया भूपेश बघेल के द्वारा ही पूरे प्रदेश भर में प्राइवेट माइंस वालों को खुली छूट दी हुई है, जितना चाहे अवैध उत्खनन करे, इन प्राइवेट माइंसों से निकलने वाले सैकड़ों ट्रकों से रोजाना हो रही दुर्घटनाओं से चाहे कितने ही परिवार उजड़ जाए इन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता, बस इनकी दुकानदारी चलते रहनी चाहिए ।
ग्राम पंचायत पुसावड़ की सरपंच ईश्वरी गोर्रा ने भी कच्चे माइंस के प्रबंधक, कच्चे ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों सहित ब्लॉक के स्थानीय प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन सभी की तानाशाही और लापरवाही का नतीजा आज मेरे गांव की आम जनता भुगत रही है ।
जानकारों के अनुसार शासन के नियमानुसार माइंस के दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले आबादी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की पूरी जिम्मेदारी माइंस प्रबंधन की होती है किंतु कच्चे माइंस कांकेर जिले में होने के कारण दीगर जिले में किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जा सकता कहना निंदनीय है और माइंस प्रबंधन के तानाशाही रवैए को दर्शाता है । वहीं स्थानीय प्रशासन में एसडीएम, तहसीलदार, सीईओ जनपद आदि कार्यालयों में जब भी जाओ तो कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नही मिलता है
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विदित हो कि ब्लॉक के अधिकांश अधिकारी हफ्ते में पांच दिन के कार्यकाल में से एक से दो दिन बालोद जिले में होने वाली किसी न किसी बैठक में रहते है, और बचे तीन से चार दिनों में से दो दिन जिले की बैठकों में मिले दिशा निर्देश को निचले स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों तक पहुंचाने में बीता देते है और अंत में जो दिन बचते है उसमे ब्लॉक के दौरे पर रहते है ।
इस संबंध में कच्चे माइंस के प्रबंधक केके झा को कई बार फोन लगाया गया किंतु उन्होंने फोन नही उठाया ।
*”कच्चे माइंस की ब्लास्टिंग से प्रभावित क्षेत्र में हो रही समस्याओं की जांच करने हेतु अधिकारियों को आदेशित किया गया है, जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी – योगेंद्र श्रीवास, एसडीएम डौंडी”*