बालोद,भूपेश सरकार द्वारा गुरुवार को घोषणा की गई कि किसानों का धान प्रति एकड़ 20 क्वांटल खरीदी की जाएगी जिसे जिला किसान मोर्चा ने किसानों के साथ ठगी व पुनः छलने का आरोप लगाया है। इस संबंध में जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा तोमन साहू ने कहा है कि 2018 विधान सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी जनता से झूठा जन घोषणा वादा करके सत्ता में पहुंची जिसमें दो साल के बेचे धान का बोनस व रु2500 -प्रति क्विंटल धान की कीमत देना भी प्रमुख है उन्होने एम एस पी मिलाकर रु 2500/- नहीं कहा है आज साड़े चार साल होने को है लेकिन ना धान का बोनस मिला, ना ही घोषित रु 25 00/- प्रति क्विंटल धान का कीमत मिला रहा है आज रु 2060 /-प्रतिक्विंटल एम एस पी है और राज्य सरकार का घोषणा रु 2500/-, एम एस पी व घोषणा मिलाकर रु 4560/- होता है वह भी नहीं दे पा रही है और ना ही एम एस पी मिलाकर रु 2500/- भी ठीक से नहीं दे पा रही है, बहुत से छोटे मध्यम किसान रु 2500/-प्रति क्विटल के हिसाब से कर्ज पर लिंकिंग में धान देते हैं पर एम एस पी ही मिलता है जो लिकिंग में जाता है, शेष सरकार के पास उधारी रहता है जो चार किस्त में डलता है सरकार के पास उधारी के चक्कर में छोटे मध्यम किसानों को डिफाल्टर होना होता है,।31मार्च के बाद पटाने से ब्याज लगता है नगद नहीं पटाने पर नगद खाद बीज के लिये डिफाल्टर होना ही है बालोद जिले के विभिन्न सोसायटी द्वारा जारी लिस्ट से पता चला कि 295 किसानों का रु 2240889 कर्ज है,पूरे प्रदेश का देखें तो हजारों किसानों का अरबों रुपये का कर्ज होगा, जिनको भारी परेशानी से गुजरना होगा, यह आकड़ा तो सिर्फ बालोद जिले के कुछ सोसायटी का है वे यदि 31 मार्च तक नहीं पटाते हैं तो एक अप्रेल से ब्याज सहित पटाना होगा,किसान का पैसा सरकार के पास होने के बावजूद नगद ब्याज सहित पटाना पड़ता है नहीं पटाने पर डिफाल्टर, फिर किस हिसाब से सरकार किसान हितैसी की बात करती है? किसान हितैसी तो तब झलकती जब चार किस्त में डालने वाली राशि को कर्ज की भुगतान में तबदील करती या एम एस पी राशि के डलने के बाद चार किस्त के बजाय तुरंत एकमुस्त डालती, तब कहीं किसानों को डिफाल्टर होने या नगद ब्याज सहित पटाने का राहत मिलती।
सरकार से मांग करते हैं कि कर्ज को चार किस्त में डलने वाली राशि से काटें या एम एस पी डलने के तुरंत बाद चार किश्त को एक मुस्त डालकर किसानों को डिफाल्टर व कर्ज के बोझ से दबने से बचायें। साथ ही उन्होंने कहा कि धान खरीदी की प्रति क्वांटल बढ़ाया गया है लेकिन धान खरीदी की राशि नहीं बढ़ाई गई है अर्थात कुल मिलाकर भुपेश सरकार किसानों के साथ अन्याय व ठगी कर रही है जिसका किसान मोर्चा द्वारा विरोध किया गया है विरोध करने वालों में जिला उपाध्यक्ष रमेश सोनवानी लीलाराम सोनबोई टीकाराम सांवरे जिला महामंत्री हेमंत साहू मनोहर सिन्हा जिला मंत्री टिकेश्वर पांडे शिवगिरी सुरेंद्र विजय सोनकर छगन साहू चित्रसेन साहू राम स्वरूप यादव शंकर साहू मन्नूलाल छोरी अनिल साहू भूपत हठीले धर्मेंद्र साहू जीत नेताम राजू रात्रे ममता गजेंद्र मंडल अध्यक्ष गण गणेश दिनेश साहू शशी कांत साहू पन्नालाल साहू ओमकार सिन्हा उमेश विश्वकर्मा जितेंद्र वैष्णव सुरेश देशमुख चैतन्य निषाद आदि सम्मिलित है ।