बालोद- बालोद जिले में खनिज विभाग के अधिकारियो की रेत कारोबारियों से मिलीभगत की चर्चा आम हो चुकी है लेकिन इतनी ज्यादा कि ग्रामीणों के विरोध को भी विभाग नजरअंदाज करे ये बात ग्रामीणों को रास नहीं आई और 2 माजदा वाहन में भरकर सैकड़ों ग्रामीण कलेक्ट्रेट के भीतर खनिज शाखा पहुंच गए और गांव के नदी से चैन माउंटेन के माध्यम से निकाली जा रही रेत खनन कार्य को बंद करने की चेतावनी देते नजर आए।
दरअसल बालोद जिले के अर्जुन्दा ब्लाक के ग्राम पंचायत तिलखैरी के ग्राम सलौनी( गुरेदा) के ग्रामीणों ने सोमवार को कलक्ट्रेट पहुचकर गांव का जल स्तर तेजी से घटने के कारण सलौनी रेत खदान को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर खनिज कार्यलय का धेराव कर खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू को ज्ञापन सौपा। सलौनी रेत खदान के ठेकेदार द्वारा चैन माउंटेन से खुदाई कर रेत का परिवहन किया जा रहा हैं। जिससे गांव का जलस्तर गिरने से ग्रामीणों को निस्तारी की समस्या होने लगी हैं। जिसके खिलाफ सैकड़ो महिलाए व पृरुष कलेक्टरेट पहुचे और मेन पर बैठ गए जिसके बाद महिलाएं खनिज अधिकारी से मिलने के लिए कलेक्ट्रेट के प्रथम तल में स्थित खनिज कार्यलय के पास बैठकर रेत खदान तत्काल बंद करने की मांग कर रहे थे।
तांदुला नदी का सीना छलनी कर पानी की धार के बीच रेत को चैन माउंटेन से खोद रहे ठेकेदार
जिले के अर्जुन्दा ब्लाक के ग्राम पंचायत तिलखैरी के ग्राम सलौनी( गुरेदा) में तांदुला नदी का सीना छलनी कर धार और किनारों को खोद कर रेत निकाल रहे ठेकेदार जिले के प्रशासनिक अफसरों को नजर नहीं आते, जबकि सलौनी के घाट पर दिन रात रेत का अवैध खनन और हाइवा और ट्रैक्टरों से इसका परिवहन जारी है। जाहिर है ऐसा तभी हो सकता है जब रेत ठेकेदार को जिम्मेदार अफसरों से मौन स्वीकृति मिली हो। चैन माउंटेन से रेत निकाल कर घाटों में एकत्र की जाती है। यहां से हाइवा और ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर ठिकानों तक पहुंचाई जा रही है। दरअसल सलौनी रेत खदान में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के नियमो का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। रेत खदानों में ठेकेदार के द्वारा चैन माउंटेन से रेत उत्खनन किया जा रहा है। ठेकेदार का चैन माउंटेन मशीन धड़ल्ले से तांदुला नदी का सीना छलनी कर रहा है।
तांदुला नदी से रेत उत्खनन किए जाने के कारण गांव में होने लगी निस्तारी की समस्या
ग्राम पंचायत तिलखैरी के सरपँच मीना बाई ने बताया कि तांदुला नदी ग्राम सलौनी में कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा के संदर्भित पत्र में दिए गए स्वीकृति अनुसार ठेकेदार द्वारा रेत उत्खनन का कार्य लगभग 10-12 दिनों से किया जा रहा है सलौनी की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां पर पानी की उपलब्धता नदी के रेत में संरक्षित जल श्रोत पर निर्भर है बहुत मात्रा में नदी से रेत उत्खनन किए जाने के कारण गांव में निस्तारी हेतु लगे हेन्ड पम्प एवं किसानों द्वारा लगाए गए ग्रीष्मकालीन धान फसल में लगे मोटर पम्पों पर असर साफ देखने से मिल रहा ह। गांव का जल स्तर तेजी से घट गया है। आनें वाले दिन में पेय जल के साथ साथ किसानों द्वारा लगाए गए धान फसल के बचाने की समस्या से उत्पन्न हो सकती है। ऐसी स्थिति में ग्राम सलौनी में संचालित उक्त रेत खदान को तत्काल बन्द करने की मांग खनिज अधिकारी से किया है। इस दौरान बड़ी सँख्या महिलाए व पृरुष शामिल रहे।