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पिछले 26 दिनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हड़ताल पर…रैली निकालकर सौंपे सीएम के नाम ज्ञापन

बालोद-नियमितीकरण और वेतन बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बीते 26 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिसके बाद शुक्रवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने नया बस स्टैंड परिसर में रैली निकालाकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौपा। जिला मुख्यालय के नए बस स्टैंड परिसर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन रायपुर (सीटू) के बैनर तले जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने जिला स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी हैं। चार परियोजना के कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने नारेबाजी कर शासन के वादे को याद दिलाया। सुबह से शाम तक नारेबाजी के अलावा गीत गाकर अपनी मांगों व समस्याओं पर शासन, प्रशासन को ध्यानाकर्षण कराया जा रहा हैं। यूनियन के जिलाध्यक्ष शालिनी दिलावर, संगीता, धनेश्वरी, द्रुपत साहू, सुनीता मंडावी, नीरा, उत्तरा सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सत्ता बदल गई है लेकिन हमारी मांगें अब तक जस की तस है। कई बार आंदोलन कर चुके हैं।इसके अलावा कई बार ज्ञापन, आवेदन के माध्यम से संबंधितों को मांगों व समस्याओं के संबंध में अवगत करवा चुके है बावजूद अब तक किसी ने पहल नहीं किया। ऐसे मेअनिश्चितकालीन हड़ताल करने की नौबत आ रही है। गौरतलब है कि इसके पहले दिसंबर व इसी माह बालोद, गुरूर सहित तीन परियोजना के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका 8 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर थे। यूनियन के पदाधिकारियों का दावा है कि जब तक हड़ताल जारी रहेगी, तब तक चार परियोजना के सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेगा। इस दौरान बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिलेगा। वहीं शासन की ओर से कुपोषित बच्चों को दी जाने वाली अंडा भी नहीं मिल पाएगा।

सीटू यूनियन संघ की यह है प्रमुख 6 मांगें

चुनाव के समय घोषणा पत्र अनुसार कलेक्टर दर में वेतन भुगतान किया जाए। सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन या कार्यकर्ता को 5 लाख रुपए एवं सहायिका को 3 लाख रुपए एकमुश्त दिया जाए। मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाने एवं क्रेश कार्यकर्ता को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर समाहित किया जाए। प्रदेश स्तर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को जल्द भरा जाए।पोषण ड्रेकर एप और अन्य कोई भी कार्य कराने के लिए जब तक मोबाइल इंटरनेट चार्ज नहीं दिया जाता है। तब तक मोबाइल में कार्य न कराया जाए। ईंधन की सुविधा के रूप में गैस सिलेंडर शासन की ओर से उपलब्ध कराया जाए। अलग-अलग संघ से जुड़कर कार्यकर्ता व सहायिका हड़ताल का समर्थन करते आ रहे हैं।

9 माह का एरियर्स भुगतान जल्द किया जाए

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिक संघ की प्रमुख 8 मांगों में आंगनबाड़ी कर्मियों को शासकीय कर्मचारी घोषित कर सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी में शामिल किया जाए। कार्यकर्ता को शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं होने तक भारत सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन 18 हजार व सहायिका को 9 हजार प्रतिमाह भुगतान किया जाए। वर्तमान में शासन द्वारा मिनी आँगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद समाप्त करते हुए सीधे मेन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद निकाला जाए।साथ ही वर्तमान में जो मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है उन्हें मेन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घोषित किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की 9 माह की एरियर्स राशि का भुगतान जल्द हो। राशि का भुगतान बैंक खाते में किया जाए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मांग पूरी होते तक हड़ताल जारी रहेगी।

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