बालोद-शासकीय विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस राष्टीय पर्व पर नियमितीकरण की धोषणा करने की मांग को लेकर बुधवार को छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बेनर तले नगर में रैली निकालकर तहसील कार्यलय पहुचकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौपा। छग सर्व विभागीय सविदा कर्मचारी महासंध का बुधवार को तीसरे दिन भी नया बस स्टैंड में हड़ताल में बैठे है। कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में उन्हें नियमित करने का वादा किया था। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेश तिवारी जिला समन्वयक यजेन्द्र कुमार जामुनकर ने बताया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार बनने के चार साल बाद भी 2018 के चुनावी जन घोषणापत्र के वादे को पूरा नहीं किया गया है। अब सरकार के पास एक वर्ष से कम का समय है।
चार साल से मानदेय भी नहीं बढ़ाया
जिले के सह संयोजक प्रवीण ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 14 फरवरी 2019 को अनियमित कर्मचारियों के मंच पर आकर बोले थे कि इस साल किसान का किया है, अगले साल अनियमित कर्मचारियों की मांग पूरा करेंगे। वो साल अभी तक नहीं आया है। साथ ही 4 साल से मानदेय नहीं बढ़ाया। इस कारण प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है।
30 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन
संघ के सदस्य तोमन आरदा ने कहा कि दीगर राज्यों में संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए जा रहे हैं। 26 जनवरी को संविदा कर्मचारियों के बारे में यदि सरकार उचित निर्णय नहीं लेती है तो 30 जनवरी से 54 विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाएंगे।
कई विभागों में छाई वीरानी,विभागीय कामकाज ठप
जिले के अधिकांश सरकारी कार्यालयों में संविदा कर्मचारी हैं। इन्हीं के भरोसे विभागों में कार्य हो रहा है। संविदा कर्मचारी के हड़ताल पर रहने से विभागों में वीरानी देखी गई व कामकाज भी ठप रहा।कोई सुविधाएं नहीं मिल रही। उनका कहना है कि न 62 वर्ष की नौकरी की सुरक्षा, न ही सही ढंग से वेतन, न ही अनुकंपा नियुक्ति, न ही अन्य शासकीय सेवकों की भांति सुविधाएं प्राप्त हो रही है।