बालोद- जिला मुख्यालय के बुधवारी बाजार स्थित शौचालय का हाल बेहाल है।वही मछली बाजार में गोबर और गंदगी से अटा पड़ा हुआ है जो सरकार के गोबर खरीदी के साथ साथ स्वच्छ भारत अभियान के दावे की पोल खोल रही हैं। बाजार में फैले गंदगी और बदबू से जहां आम लोग परेशान है वही बाजार में सब्जी बेचने आए व्यपारियों एवं खरीदारों को प्रसाधन के लिए इधर उधर जगह ढूंढना पड़ता है। व्यपारी और ग्राहक अपने नाक व मुंह मे रुमाल एवं कपड़े बांधकर जर्जर युक्त शौचालय में जाकर प्रसाधन करने के लिए मजबूर हैं। वर्तमान में बने प्रसाधन जर्जर हो चुके हैं। 2011 में बने प्रसाधन उपयोग के लायक ही नहीं है। लेकिन नगर पालिका शौचालय बनाने पर ध्यान नहीं दे रही है। बाजार में आने वाले व्यपारी व थोक विक्रेता शौचालय व प्रसाधन बनाने की मांग कर रहे है। बार-बार नगर पालिका को ज्ञापन सौंपने के बाद भी समस्या को दूर करने ध्यान नही दिया जा रहा है।
गोबर से पटा हैं मछली बाजार
पुरुष व महिला प्रसाधन में इतनी गंदगी पसरी है, जिससे उठने वाली बदबू से यहां के आस-पास के व्यापारी और आम लोग परेशान हैं। इसके बावजूद नगरपालिका सफाई पर ध्यान नहीं दे रही हैं। इसके चलते व्यापारियों में काफी रोष है। बता दे कि राज्य सरकार गोबर खरीदने की वाहवाही लूटी जा रही वही जिला मुख्यालय के बुधवारी बाजार स्थित मछली बाजार में गोबर से अटे पड़े । इसके बावजूद भी पालिका की ओर से नियमित साफ-सफाई नही करवाई जा रही। शौचालय परिसर में फर्श पर पैशाब बिखरा रहता है जिससे उठने वाली बदबू से लोग परेशान है।
इसलिए जरूरी है शौचालय
बुधवारी बाजार में बाजार लगने के साथ ही रोजाना सब्जी मंडी भी लगती है। जहां बड़ी संख्या में पुरुष व महिला सब्जी व्यापारियों के अलावा खरीदार भी आते हैं। बुधवारी व इतवारी साप्ताहिक बाजार के अलावा रोजाना हाट बाजार लगता है। लेकिन इस स्थान में शौचालय व प्रसाधन नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर पालिका को शौचालय निर्माण के लिए ध्यान देना चाहिए।