बालोद-विकाखंड बालोद के ग्राम पंचायत खपरी में इन दिनों मनरेगा योजना में जमकर धांधली की जा रही है। योजना के तहत छोटे तालाब का गहरीकरण कराया जा रहा है हैं ।लगातार जेसीबी मशीन से कार्य किया जा रहा है। मनरेगा योजना को सरकार ने जिस उदेश्य से शुरू किया गया था वह अपने लक्ष्य से पूरी तरह से भटक चुकी है। मनरेगा में मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन चला कर कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक ग्राम मे रोजगार गरंटी कार्य के लिए शासन की ओर से रोजगार सहायक एवं अन्य अधिकारी नियुक्त किया गया है इनके सामने नियमों की धज्जियां उडायी जा रही है। फर्जी मस्टररोल भर कर पैसा निकाला जा रहा है।वही तकनीकी सहायक अरुण नाईक ने हड़ताल में होने के कारण जानकारी नही होने की बाते कही जा रही हैं।
मनरेगा के तहत छोटे तलाब के गहरीकरण व पचरी निर्माण के लिए 15 लाख 29 हजार 536 रुपये हुआ है स्वीकृत
जानकारी के अनुसार विकासखंड बालोद के ग्राम पंचायत खपरी में छोटे तलाब गहरीकरण एवं पचरी निर्माण कार्य के लिए शासन से 15 लाख 29 हजार 536 रुपये की स्वीकृति हुई थी।10 लाख 70 हजार रुपये श्रमिको के कार्य के लिए स्वीकृत हुआ है और 4 लाख 58 हजार रुपये सामग्री के लिए स्वीकृत हुआ हैं। इन दिनों मनरेगा का काम मजदूरों के बदले मशीनों से कराया जा रहा है। जहां पर मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।जेसीबी मशीन के जरिए खुदाई कराई जा रही है। जिसके कारण मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जेसीबी का हो रहा इस्तेमाल
खपरी में मनरेगा योजना का काम जेसीबी मशीन के द्वारा करवाया जा रहा है। यहां पर खुदाई का काम चल रहा है, जो कि बिना मजदूरों के करवाया जा रहा है. यह विभागीय कर्मियों व जनप्रतिनिधियों की वजह से हो रहा है, जिसके कारण मजदूरों को मनरेगा में रोजगार नहीं मिल रहा है। खपरी में चल रहे मनरेगा योजनाओं के कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है। जिसके कारण गांव के मजदूरों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि मनरेगा योजना में बड़ी लापरवाही की जा रही है, लेकिन इस बारे में अधिकारियों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण गांव में बेरोजगारी बढ़ रही हैं।
मजदूरों को नहीं मिल रहा रोजगार
बताया जाता है कि अभियंता कार्यस्थल का निरीक्षण किए बिना ही काम को मंजूरी दे जाती है।इस प्रकार से पदाधिकारियों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। जिसके कारण मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है। गांव में रोजगार उपलब्ध न होने के कारण लोग काम की तलाश में इधर उधर भटक रहे है।
मजदूरों में देखी जा रही नराजगी
राज्य सरकार मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए मनरेगा के तहत कई योजनाएं चला रही हैं।गांव घर में ही रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। परंतु मनरेगा में हो रहे कामों में जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है। जिसके कारण मजदूरों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. मजदूरी नहीं मिलने पर मजदूरों के समक्ष आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।
क्या कहते है जिम्मेदार
तालाब में मुरुम निकालने के लिए जेबीसी से केवल तीन दिनों तक खुदाई किया गया हैं।उक्त मुरुम को गांव के गली में डाला गया हैं -: प्रेम सिन्हा सचिव ग्राम पंचायत खपरी
हड़ताल के दौरान मेरे गैरमौजूदगी में जेबीसी से तलाब का गहरीकरण किया गया हैं।जब मैं बुधवार को ज्वाईन किया तो खपरी में जाकर देखा तो जेबीसी मशीन से तलाब गहरीकरण का कार्य किया जा रहा था।अपने बचाव के लिए जनपद पंचायत बालोद के सीईओ को तालाब गहरीकरण के लिए जेबीसी से खुदाई करने की लिखित शिकायत किया हैं :- अरुण नाईक,तकनीकी सहायक